
लखनऊ में आयोजित होगी नर्सिंग की नेशनल कॉन्फ्रेंस, नेतृत्व का गुर सीखने जुटेंगे एक हजार से अधिक Nursing स्टूडेंट
नर्सिंग को स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ माना जाता है और इसमें सुधार व गुणवत्ता वृद्धि से मरीजों को सीधे तौर पर लाभ मिलता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में नर्सों की भूमिका केवल देखभाल तक सीमित नहीं रहती है, बल्कि वह अस्पताल में 24 घंटे मरीजों के साथ रहकर उनकी स्थिति पर नजर रखते हैं, जिससे इलाज की प्रक्रिया में निरंतरता और प्रभावशीलता बनी रहती है।
यही वजह है कि टिशा केयर्स की तरफ से 13 जुलाई को राजधानी स्थित अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन नर्सिंग लीडरशिप एंड एक्सिलेंस 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में नर्सिंग नेतृत्व, गुणवत्ता सुधार, और दक्षता-आधारित शिक्षा का गुर सिखने के लिए करीब एक हजार नर्सिंग स्टूडेंट हिस्सा लेंगे। वहीं इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।
यह जानकारी शनिवार को गोमती नगर स्थित एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान टिशा केयर्स के निदेशक मनीष वैष्णव ने दी है।उन्होंने बताया कि नर्सें पर अस्पतालों में भर्ती मरीजों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी होती है, नर्स न केवल डॉक्टर के निर्देश का पालन करती हैं, बल्कि मरीजों की शारीरिक और भावनात्मक जरूरतों को भी समझती हैं। नर्सों की वजह से ही मरीजों को तत्काल और बेहतर उपचार मिलता है, जिससे वह जल्दी ठीक होते हैं और अस्पतालों पर विश्वास बढ़ता है। उन्होंने बताया कि यही वजह है कि नर्सिंग के क्षेत्र में कॉरियर बनाने वालों के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देशभर के वरिष्ठ नर्सिंग विशेषज्ञ और एक हजार से अधिक छात्र-छात्रायें हिस्सा लेंगे, जो नर्सिंग क्षेत्र में नवाचार और नेतृत्व को बढ़ावा देगा।
संस्था की सह-संस्थापक और निदेशक सुगंध खंडेलवाल ने बताया कि इस सम्मेलन में नर्सिंग शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए तीन लाख रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसके अलावा एक विशिष्ट स्वास्थ्य पेशेवर को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड इन हेल्थकेयर’ से सम्मानित किया जाएगा, जो नर्सिंग क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता देगा। इस दौरान संस्था के सह निदेशक मुशाहिद रफत समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।