
डिस्काउंट का लॉलीपॉप…कंपनियों ने पहले ही बढ़ा दी थी MRP, 80% FMCG उत्पादों पर कर दिया खेल
जीएसटी की नई दरें प्रभावी होने के बाद आज पहले दिन ज्यादातर कारोबार पुरानी एमआरपी पर ही होता नजर आया। थोक हो या फुटकर कारोबारी सभी का कहना है कि प्रथम दिवस चाहे खानपान की चीजें हो या फिर दूध, घी या एफएमसीजी के आइटम, सभी चीजें पुरानी एमआरपी से ही बिकीं। दुकान-दुकान आपूर्ति करने वालों ने साफ कहा कि अभी कुछ कहना मुश्किल है। कोई गाइडलाइन प्रमुख कंपनियों की ओर से नहीं दी गई है। ऐसे में फिलहाल इसी से काम चलाना पड़ेगा। डिस्काउंट का लॉलीपॉप दिखाने वाली कंपनियों पर व्यापारी खासे भड़के नजर आए। उनका कहना है कि पहले ही एफएमसीजी के आइटम पर एमआरपी बढ़ा दी गई थी। पेस्ट, साबुन, पाउडर, घी समेत करीब-करीब सभी उत्पादों के टैक्स स्ट्रक्चर में पहले ही बढ़ोत्तरी हो गई है। यहां तक की पैक्ड दूध तक प्राचीन एमआरपी पर ही बेचा गया।
80 फीसद एफएमसीजी उत्पादों पर एमआरपी में पहले ही कर दिया खेल
सिटी स्टेशन के बडे़ कारोबारी संजय सिंघल का कहना है कि आम चलन में प्रयोग होने वाले पेस्ट हों या फिर साबुन तेल आदि। सभी की एमआरपी पहले ही कंपनियों ने बढ़ा दी थी। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा रोज बिकने वाले पेस्ट पर पहले 155 रुपये की एमआरपी दर्ज थी उसे बढ़ाकर 177 रुपये कर दिया गया है। ऐसे ही साबुन पर 145 के स्थान पर 160 रुपये एमआरपी पहले ही बढ़ा दी गई। करीब-करीब 80 फीसद एफएमसीजी उत्पादों पर एमआरपी में कंपनियों ने पहले ही खेल कर दिया। रसीदों से इसकी तस्दीक हो सकती है।
उत्पादों की मात्रा रहे हैं घटा
खाद्य तेल का उदाहरण देते हुए उन्होंने नामी ब्रांड का उदाहरण देते हुए सिंघल ने बताया कि पहले 910 एमएल रिफाईंड मिलता था। कुछ दिनों से उसे घटाकर 750 एमएल कर दिया गया है। इसी तरह अन्य चीजें हैं चाहे वह देशी घी हो या फिर अन्य खानपान की चीजें। सभी में मात्रा घटा दी गई है। शास्त्रीनगर स्थित व्यापारी अभिषेक जायसवाल बताते हैं कि पुरानी एमआरपी पर दूध, घी और अन्य सभी उत्पादों को कंपनी के आपूर्तिकर्ताओं एवं एजेंटों ने पुरानी दरों पर ही दिया है। ऐसे में ग्राहकों से तकरार हो रही है। दूध, घी भी पुराने रेट पर बिका है।
एमआरपी पहले ही गई थी बदल, माल भी घटाया
कंपनियों ने डिस्काउंट के ऑफर बढ़ाने की बात कही है लेकिन स्थिति पहले दिन साफ नहीं रही। मंजन, पाउडर, साबुन, तेल, वाशिंग पाउडर, कपड़ों की सफाई वाला लिक्विड मैटीरियल, गोरा बनाने वाली स्किन क्रीम समेत दर्जनों आइटम में एमआरपी पहले ही बढ़ा दी गई थी। मात्रा कम कर आपूर्ति का खेल पहले से ही चल रहा है। डिस्काउंट बढ़ाने का ऑफर है। लेकिन अमल में कब तक और कैसे आएगा इसे लेकर ही सबसे बड़ी समस्या है। पुरानी एमआरपी की प्रिंटिंग अभी उत्पादों पर है। एमआरपी का पेच अभी कुछ दिन ग्राहकों को परेशान करेगा।-विनोद अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष एफएमसीजी ट्रेडर्स एसोसिएशन
पराग का दूध उसी भाव लेकिन घी, मक्खन, पनीर हुआ सस्ता
पराग प्रबंधन की ओर से उपभोक्ता की कम हुई दरों को जारी कर दिया गया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। दुग्ध संघ लखनऊ मंडल की चेयरमैन, शिखा सिंह तोमर ने बताया कि पराग का देशी घी अब 310 रुपये के स्थान पर 292 रुपये में आधा लीटर मिलेगा। एक लीटर 610 रुपये वाली घी की पैकिंग 585 रुपये में मिलेगी। वहीं ग्राम वाला मक्खन 12 के स्थान पर 11 रुपये, 50 ग्राम वाला 30 के स्थान पर 26 रुपये, 100 ग्राम 58 से 54 रुपये, 500 ग्राम 265 से 260 रुपये में बिकेगा।