
लगातार तीसरे दिन नहीं चली लोकसभा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार को भी जबरदस्त हंगामा किया, जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थापित कर दी गयी। पीठासीन अधिकारी कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी ने दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोबीच आ गये।
पीठीसीन अधिकारी ने हंगामे के दौरान कहा कि आज गोवा की जनजातियों से जुड़ा बहुत महत्वपूर्ण विधेयक है। गोवा राज्य विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुन:समायोजन विधेयक 2024 पर चर्चा करनी है। यह आदिवासियों से संबंधित मामला है, इसलिए सभी सदस्यों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हंगामे के कारण पहले ही दो दिन खराब हो चुके हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा, “ आप तख्तियां लेकर आये हैं, यह सही नहीं है। आप गोवा की जनजातियों से संबंधित विधेयक पर चर्चा नहीं करना चाहते।
”कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी के बार-बार आग्रह करने के बाद भी हंगामा नहीं रुका, तब उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले बिहार में मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) वापस लेने की मांग को लेकर विपक्ष के लोकसभा में भारी हंगामे के कारण बुधवार को प्रश्न काल और शून्य काल नहीं हो सका। इसी मुद्दे पर पूर्वाह्न 11 बजे विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे कारण प्रश्न काल की कार्यवाही नहीं हो सकी और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी।
दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुन: शुरू होने पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने एसआईआर वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कई विपक्षी सदस्य इसी मांग से संबंधित नारे लिखी हुई तख्तियां लिये हुए थे। विपक्षी सदस्य सदन के बीचोबीच भी आकर शोरशराबा कर रहे थे। पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने हंगामे के बीच ही जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये।