प्रदेश सरकार के बजट में बिजली विभाग के सेवा आयोग व आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम मानदेय 20 हजार रुपये करने की घोषणा से कर्मचारियों के चेहरे खिल गए हैं। मानदेय अब सीधे कर्मचारी के खाते में जाएगा। कर्मचारी संगठनों ने इसका स्वागत किया है। दुर्घटना में घायल कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की व्यवस्था की मांग सरकार से की है।
विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अवस्थी बब्बू ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों को अब सीधे बैंक में न्यूनतम मानदेय मिल सकेगा। इससे मानदेय में होने वाली धांधली में रोक लगेगी। हालांकि महंगाई के अनुपात में मानदेय बढ़ोतरी कम है, इसे 20 हजार के बजाय 30 हजार रुपये करने की मांग की जाएगी। उप्र पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। सरकार अन्य मांगों को भी पूरा करे।
उन्होंने कहा कि घायल कर्मचारियों का कैशलेस इलाज कराने की व्यवस्था भी की जाए। आर्थिक परेशानी के चलते घायल कर्मचारी इलाज नहीं करा पाते हैं। कई कर्मचारी दम तोड़ चुके हैं। सरकार निजीकरण का फैसला वापस ले और कार्य दिवस पर दुर्घटना बीमा राशि बढ़ाए।
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