
प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे इशिबा शिगेरु, जानिए क्यों लिया इतना बड़ा फैसला
टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार को पद छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने जुलाई में हुए संसदीय चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने के लिए उनकी पार्टी की ओर से बढ़ती मांग के मद्देनजर यह कदम उठाया है।पिछले साल अक्टूबर में पदभार ग्रहण करने वाले इशिबा ने अपनी ही पार्टी के भीतर अधिकतर दक्षिणपंथी विरोधियों की मांगों की एक महीने से अधिक समय तक अनदेखी की थी।
इशिबा का यह कदम ऐसे समय सामने आया है, जब उनकी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) नेतृत्व चुनाव कराने को लेकर निर्णय करने वाली है। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह उनके खिलाफ एक प्रकार का अविश्वास प्रस्ताव होगा। इशिबा ने कहा कि वह अपने उत्तराधिकारी के लिए पार्टी नेतृत्व के मतदान की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
दोनों सदनों में खोया बहुमत
इशिबा के सत्ता में आने के कुछ ही समय बाद एलडीपी और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो ने निचले सदन के चुनाव में अपना बहुमत खो दिया था। इसके बाद जुलाई में उच्च सदन के चुनाव में भी सत्तारूढ़ गठबंधन बहुमत से दूर रह गया। इससे इशिबा पर चुनाव परिणामों की जिम्मेदारी लेकर पद छोड़ने की मांग बढ़ गई। इसके बाद इशिबा के इस्तीफे की बात सामने आई है।
जापान के बड़े राजनेता हैं इशिबा
68 साल के शिगेरु इशिबा बड़े राजनीतिक पकिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह साल 1986 से प्रतिनिधि सभा के सदस्य हैं। वह साल 2007 से 2008 तक रक्षा मंत्री, 2008 से 2009 तक कृषि और मत्स्य पालन मंत्री रहे हैं। वह साल 2012 से 2014 तक LDP के महासचिव रहे हैं।
इशिबा के पिता 1958 से 1974 तक तोतोरी प्रान्त के गवर्नर रहे और जापान के गृह मंत्री रहे थे। पिता की मौत के बाद राजनीति में आने वाले इशिबा 1986 में सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में एलडीपी से प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए। साल 2024 में वह पीएम पद तक पहुंचे। हालांकि वह एक साल भी इस पद पर नहीं रह सके।