
पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ग्लोबल समिट की उलटी गिनती शुरू हो गई है। आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 17 से 19 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।
सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन, लखनऊ के उप-निदेशक ने बताया कि वर्ष 2023 में गुजरात में आयोजित पहले सफल सम्मेलन के बाद भारत एक बार फिर इस महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजन की मेजबानी कर रहा है।
इस वर्ष समिट की थीम है-“Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being” यानी “संतुलन की पुनर्स्थापना: स्वास्थ्य एवं कल्याण का विज्ञान और व्यवहार”।
समिट में 100 से अधिक देशों के मंत्री, नीति-निर्माता, वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, शोधकर्ता, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।
यह सम्मेलन पारंपरिक, पूरक, एकीकृत और स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में वैज्ञानिक आधार पर शामिल करने के लिए आने वाले दशक के रोडमैप को दिशा देगा।
उप-निदेशक ने यूनानी चिकित्सा क्षेत्र में किए जा रहे शोध, नवाचार और उपलब्धियों का भी विस्तृत उल्लेख किया।
यह संभावना जताई जा रही है कि भारत के प्रधानमंत्री समापन सत्र में शिरकत करेंगे। समिट से निकलने वाली महत्वपूर्ण चर्चाएँ एवं सहयोग वैश्विक स्वास्थ्य-दिशा को अधिक समग्र, समावेशी और टिकाऊ बनाएंगे।



