गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को 19 विधायकों को मंत्रियों के तौर पर शामिल कर मंत्रिपरिषद में फेरबदल किया और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को उपमुख्यमंत्री बनाया।
इसी के साथ पटेल समेत मंत्रिपरिषद में शामिल कुल नेताओं की संख्या 26 हो गई है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने नए मंत्रियों के साथ-साथ उन नेताओं को भी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है और राज्य मंत्रियों से राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।
सूरत शहर के मुजारा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले संघवी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह अब तक गृह राज्य मंत्री थे। संघवी और भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाले पिछले मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे पांच अन्य विधायक मंत्रिपरिषद में बने हुए हैं।
सभी 16 मंत्रियों ने हालांकि बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इन छह मंत्रियों के इस्तीफे मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किए। इन छह में से तीन – कनुभाई पटेल, ऋषिकेश पटेल और कुंवरजी बावलिया – पहले कैबिनेट मंत्री थे, जबकि संघवी, प्रफुल्ल पानसेरिया और पुरुषोत्तम सोलंकी राज्य मंत्री थे।
इनमें से केवल संघवी और पानसेरिया ने शुक्रवार को दोबारा शपथ ली। संघवी को उपमुख्यमंत्री और पानसेरिया को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए 19 विधायकों में जीतू वाघाणी, अर्जुन मोढवाडिया और मनीषा वकील शामिल हैं। राज्य मंत्री के रूप में भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को शामिल किया जाना आश्चर्यजनक कदम है।
फेरबदल की 5 वजह, पटेल समाज को ज्यादा जगह
स्ट्रेटेजिक रीसेट: भाजपा ने महज 3 साल में सीएम के अलावा पूरी सरकार को बदल दिया है। पार्टी ने भूपेंद्र पटेल के सभी 16 मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा, ताकि नया मंत्रिमंडल बनाने के लिए पूरी आजादी मिले।
कमजोर परफॉर्मेंस: जानकारी के मुताबिक कई मंत्रियों का प्रदर्शन कमजोर था। पार्टी लीडरशिप उनकी जगह नए चेहरे लाकर सरकार का कामकाज बेहतर करना चाहती थी।
जातीय समीकरण: पिछली कैबिनेट में सीएम भूपेंद्र पटेल के साथ कुल 16 मंत्री थे। भाजपा गुजरात की पटेल कम्युनिटी को मंत्रिमंडल में ज्यादा जगह देना चाहती थी।
लोकल इलेक्शन: गुजरात में अगले कुछ महीनों में लोकल बॉडी चुनाव होने हैं। पिछले महीने बिसावदर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद भाजपा नए चेहरों को मौका देना चाहती है।
ज्यादा नेताओं की हिस्सेदारी: गुजरात विधानसभा में 182 सीटें हैं। नियम के मुताबिक कुल सीटों के 15% तक मंत्री हो सकते हैं। इस हिसाब से गुजरात में मुख्यमंत्री के साथ 26 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इससे ज्यादा नेताओं को सरकार में शामिल किया जा सकता है।
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