
हमास का हमला मुंबई अटैक जैसा, UN में क्यों भड़के ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन ने 7 अक्टूबर को हुए आतंकी हमलों की तुलना मुंबई के 26/11 हमलों से की है। एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि आतंकवाद के सभी काम गैर कानूनी और अनुचित ही होते हैं। सुरक्षा परिषद के सदस्यों को इसकी निंदा करनी चाहिए।
हमास के हमलों को मुंबई अटैक की तरह आतंकवाद का हर कदम अनुचित और गैरकानूनी ठहराया गया। ब्लिंकन ने कहा कि आतंकवाद की सभी गतिविधियां गैरकानूनी हैं, अनुचित हैं।
चाहे वो नैरोबी, बाली, इस्तांबुल, मुंबई, न्यूयॉर्क, कुबुत्ज बेरी में लोगों को निशाना बनाया जाता है वो अनुचित और गैरकानूनी है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि हमास ने इज़राइल पर हमला ‘अकारण’ नहीं किया है। उनकी इस टिप्पणी से इज़राइल नाराज हो गया और उसने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से इस्तीफे व माफी की मांग की है।
इज़राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में शिरकत की थी।
उन्हें मंगलवार दोपहर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुतारेस से मुलाकात करनी थी। कोहेन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ अपनी भेंट को रद्द कर दिया और उनपर आतंकवाद को बर्दाश्त करने और उचित ठहराने का आरोप लगाया।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि यह भी मानना महत्वपूर्ण है कि हमास द्वारा किए गए हमले अकारण नहीं हुए।
अधिकार समूह के निदेशक माइकल ओ’फ़्लाहर्टी ने कहा कि नस्लवाद व्यापक और निरंतर बना हुआ है। असली पैमाने का सामना करना चौंकाने वाला और शर्मनाक दोनों है।
6,700 लोगों के सर्वेक्षण के अनुसार, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड और डेनमार्क में भेदभाव विशेष रूप से अधिक था, जहां 60% से अधिक काले लोगों ने नस्लवाद का अनुभव किया है।
अनुमान है कि यूरोपीय संघ में अफ़्रीकी मूल के 1.5 करोड़ लोग रहते हैं और रिपोर्ट उनके साझा संघर्षों की ओर इशारा करती है।