
केजीएमयू के 4 डॉक्टरों से 30 लाख की ठगी, ग्रीन बाई वेदा कंपनी में निवेश का दिया लालच
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के चार डॉक्टरों के साथ ग्रीन गैस वेदा नामक फर्जी कंपनी द्वारा करीब 30 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी), लखनऊ को शिकायत देकर धोखाधड़ी की जानकारी दी, जिसके बाद चौक थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि केजीएमयू के एनाटॉमी विभाग के सीनियर रेसिडेंट डॉ. अजय कुमार वर्मा, उनकी पत्नी जूनियर रेसिडेंट डॉ. साक्षी वर्मा और एक गौरव सिंह नामक व्यक्ति ने मिलकर डॉक्टरों को निवेश का लालच दिया। डॉक्टरों से अलग-अलग समय पर 30 लाख रुपए का निवेश कराया गया, जिसमें से कई लाख रुपये सीधे डॉ. अजय के खाते में भी जमा कराए गए। आरोपियों ने होटल में दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवा कर एक बड़ा जाल रचा।
डॉ. हुसैन ने बताया कि उन्हें पहले साक्षी वर्मा से संपर्क कराया गया, जिन्होंने ग्रीन गैस वेदा कंपनी के बारे में बताया और निवेश के फायदे दिखाकर प्रेरित किया। अन्य डॉक्टरों डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. मो. फिरोज खान और डॉ. आशीष कुमार से भी क्रमशः 6.06 लाख, सात लाख और तीन लाख रुपए की ठगी हुई है।
शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने डॉक्टरों पर दबाव डाला कि यदि वे अन्य लोगों को कंपनी से जोड़ेंगे तो उन्हें कमीशन और मुनाफा मिलेगा। मना करने पर धमकियां दी गईं और फर्जी मुकदमे करने तथा करियर खराब करने की चेतावनी भी दी गई। डॉ. फिरोज खान के अनुसार, उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड और लोन बना लिए गए, और उनके आधार-पैन की फोटोकॉपी का गलत इस्तेमाल किया गया।
इस पूरे मामले में डॉ. अजय वर्मा ने पलटवार करते हुए डॉ. आमिर के खिलाफ अमेठी साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई, जिसके कारण डॉ. आमिर का बैंक खाता फ्रीज हो गया और वे आर्थिक संकट में आ गए। इसके अलावा, डॉ. ज्ञानेश्वर त्रिपाठी, डॉ. अनुपमा वर्मा और राघवेंद्र सिंह भी इस धोखाधड़ी का शिकार बताए जा रहे हैं। सभी के साथ फर्जी पोर्टल, नकली अकाउंट और ईमेल के जरिए ठगी की गई है।
ग्रीन बाई वेदा को एक फर्जी कंपनी बताया गया है जो मेडिकल क्षेत्र के युवाओं को निशाना बनाकर उनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति खराब कर रही है। पीड़ितों ने पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई और कंपनी की गहन जांच की मांग की है। चौक थाने के थानेदार नागेश उपाध्याय ने पुष्टि की है कि शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और आगे वैधानिक कार्रवाई होगी।