
GBC-5: पश्चिमांचल में सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव… बुंदेलखंड और पूर्वांचल में सुस्ती, जानें आखिर क्या है वजह
औद्योगिक विकास विभाग की महत्वाकांक्षी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी)-5 के लिए प्रदेशभर से निवेश प्रस्तावों की अंतिम गणना में पश्चिमांचल एक बार फिर आगे रहा।
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को अब तक मिले प्रस्तावों में पश्चिमी यूपी से सबसे ज्यादा निवेश परियोजनाएं, जबकि बुंदेलखंड और पूर्वांचल से सबसे कम प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
औद्योगिक और लॉजिस्टिक सुविधाओं के बेहतर नेटवर्क, जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी के चलते पश्चिमांचल में निवेशकों ने इस बार भी सबसे अधिक रुचि दिखाई है। यूपीसीडा के अनुसार, पश्चिमांचल के जिलों से 2815 निवेश परियोजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जबकि बुंदेलखंड से केवल 111 और पूर्वांचल से 374 प्रस्ताव आए हैं। मध्यांचल के लिए 476 प्रस्ताव दर्ज किए गए हैं।
सरकार की कोशिश पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग लाना
योगी सरकार पूर्वांचल और बुंदेलखंड को औद्योगिक निवेश के नए केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए विशेष रियायतें दे रही है। यहां निवेशकों को सिर्फ 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि उपलब्ध कराई जा रही है। मध्यांचल में यह दर 2500 रुपये और पश्चिमांचल में 3000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय की गई है। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए प्रदेश सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (22,494 करोड़ रुपये), बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (14,850 करोड़ रुपये) और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (5876 करोड़ रुपये) जैसी परियोजनाएं पूरी कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 जून को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था।
सत्यापन चरण में प्रस्ताव, जल्द तैयार होगी सूची
यूपीसीडा और इन्वेस्ट यूपी की टीमें अब इन प्रस्तावों का सत्यापन कार्य कर रही हैं। अब तक लगभग तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव सत्यापित किए जा चुके हैं। इस बार जीबीसी-5 में पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है।



