
जागेश्वरनाथ मंदिर में विराजमान है महाभारत काल की गणेश प्रतिमा
प्रथम पूज्य भगवान गणेश के देश भर में कई मंदिर और अद्भुत प्रतिमाएं हैं जिनके दर्शन करने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। दमोह में बुंदेलखंड के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र जागेश्वरनाथ धाम मंदिर में एक अद्भुत गणेश प्रतिमा विराजमान है, जिसे महाभारत काल का बताया जाता है। जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर से लगा हुआ बनवार क्षेत्र में एक स्थान चित्राखेड़ा हुआ करता था, जो महाभारत काल में चित्रलेखा रानी का राज्य बताया जाता था। उनके राज्य में चित्रखेड़ा स्थान पर अनेक महाभारत कालीन देवी, देवताओं की प्रतिमाएं हुआ करती थी।
धीरे-धीरे समय के चलते जहां उनका राज पाठ जमींदोज हुआ और मंदिर की प्रतिमाएं जहां तहां बिखर गईं। जिनमें से कुछ विशालकाय पत्थरों से बने प्रवेश द्वार स्तंभ बांदकपुर मंदिर के काल भैरव राम जानकी मंदिर में लगाए गए हैं। चित्राखेड़ा में एक विशाल गणपति मंदिर था, जिसकी प्रतिमा महाभारत काल की बताई जाती है। जो वर्तमान में देव श्री जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर में विराजमान हैं। अब चित्रागढ़ में मंदिरों के अवशेष ही दिखाई देते हैं।
कहा जाता है कि इस चित्रागढ़ में महाभारत काल की रानी चित्रलेखा को भगवान से अद्भुत वरदान प्राप्त था और मन की कल्पना अनुसार प्रतिमाओं का पाषाण साकार रूप में वरदान प्राप्ति थी। जागेश्वरधाम मंदिर ट्रस्ट प्रबंधक राम कृपाल पाठक बताते हैं कि महाभारत कालीन चित्रागढ़ में विराजमान भगवान गणेश की अद्भुत प्रतिमा को बांदकपुर जागेश्वरनाथ धाम में बहुत पहले विराजमान किया गया था। यह प्रतिमा महाभारत काल की है। अब चित्रागढ़ में देवी देवताओं की प्रतिमाओं के अवशेष रह गए हैं।



