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G20: धन के मुद्दे पर अटका कनॉट प्लेस के सौंदर्यीकरण का काम

नयी दिल्ली – जी-20 आयोजनों के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में स्थित कनॉट प्लेस के सौंदर्यीकरण की नयी Delhi Municipal Council(एनडीएमसी) की योजना कई महीनों से वित्त पोषण के मुद्दे के कारण अटकी हुई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एनडीएमसी ने व्यापारियों से मरम्मत के लिए धन देने को कहा था। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

उनका कहना है कि नगर निकाय को इसके लिए करों के रूप में एकत्रित धन का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि, एनडीएमसी का कहना है कि वे सौंदर्यीकरण के लिए धन नहीं दे सकते क्योंकि ‘‘यह उनके अधीन नहीं है। एनडीएमसी के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि नवीनीकरण के पूरे काम पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

धन एकत्रित करने के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की जा रही है जिसमें निजी संगठनों और प्रायोजन से ‘सीएसआर फंड’ शामिल है। ‘सीएसआर फंड’ से तात्पर्य कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) वित्त पोषण है।

एनडीएमसी के अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जी-20 आयोजनों को ध्यान में रखते हुए एनडीएमसी के बेगम जैदी जैसे बाजारों सहित अपने क्षेत्र के सभी बाजारों का नवीनीकरण करना चाहते हैं। लेकिन हम जनता के पैसे का इस्तेमाल सीपी मार्केट के सौंदर्यीकरण के लिए नहीं कर सकते। हमने व्यापारियों से बाजार के सौंदर्यीकरण के लिए धन देने को कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भी स्पष्ट है कि एनडीएमसी सौंदर्यीकरण का काम नहीं कर सकती। इसलिए हम धन एकत्रित करने के लिए अन्य तरीकों पर विचार कर रहे हैं। इससे पहले 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों से पहले ऐतिहासिक बाजार का जीर्णोद्धार किया गया था। अब इसमें सफेदी किए जाने की जरूरत है क्योंकि रंग कई जगहों से उखड़ चुका है।

खंभों पर पान और गुटखे के दाग हैं। इसके अलावा 2010 में लगाई गई लाइटिंग की व्यवस्था को भी ठीक किए जाने की जरूरत है। व्यापारियों का कहना है कि बाजार में सफेदी, गलियों की मरम्मत, झाड़ हटाने और लाइट बदलने समेत कई तरह के काम की जरूरत है।

नयी दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा, सबसे पहले पेड़ों की छंटाई किए जाने की जरूरत है। इसके बाद भवन की सफेदी। हम ऐसा नहीं कर सकते क्‍योंकि इसे करने की एक प्रक्रिया है और यह बोझिल है। उन्हें (एनडीएमसी) मरम्मत के काम के लिए उस धन का इस्तेमाल करना चाहिए, जो व्यापारियों से कर के रूप में वसूला जा रहा है।

व्यापारियों ने दावा किया कि उन्होंने एनडीएमसी को इस संबंध में कई बार पत्र भी लिखा। भार्गव ने कहा, ‘‘हमें कई बार आश्वासन दिया गया है। गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता संभाली थी। भारत की अध्यक्षता में देशभर में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। इसका समापन इस साल सितंबर में राष्ट्रीय राजधानी में एक शिखर सम्मेलन के साथ होगा।

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