
पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी का मैनेजर बन जालसाज ने सपा विधायक को लगा दिया लाखों का चूना!
लखनऊ। पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी का मैनेजर बन एक जालसाज ने सपा विधायक मनोज कुमार पांडेय के साथ फर्जीवाड़ा कर दिया।
जालसाज ने कम्पनी का नया प्लान बताकर चार साल तक 10 लाख की किश्त जमा करने पर 63 लाख मिलने का झांसा देकर 39.35 लाख रुपए ऐंठ लिए।
रसीद मिलने पर टालमटोल देख विधायक कम्पनी के ऑफिस पहुंचे तो पता चला कि मेडिकल इश्यू के चलते पॉलिसी निरस्त कर दी गई है।
पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर के निर्देश पर कैंट पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसओ कैंट गुरप्रीत कौर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री व ऊंचाहार रायबरेली के विधायक डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि उनके निवास स्थान दिलकुशा कालोनी में जनवरी 2019 में एक शख्स आया।
उसने खुद को पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लखनऊ का प्रबंधक रमाकांत पांडेय बताया। बताया कि कम्पनी ने एक नया प्लान लॉन्च किया है।
जिसमें 10 लाख सालाना किश्त जमा करने पर तीन साल बाद 39.20 लाख और साथ के 5,37,554 रुपए बोनस मिलेगा। अगर चार साल बाद लेंगे तो बोनस के साथ 63,23,980 रुपए मिलेंगे।
मुनाफे का प्लान देख विधायक मनोज पांडेय ने फरवरी 2019 में दस लाख का चेक दिया। साथ ही मनोज ने कथित प्रबंधक की बात सीए से कराई।
जिसपर सीए ने कहा कि प्लान आप मेल कर दीजिए, मैं विधायक को समझा दूंगा। कुछ दिन बाद मेल पर बॉन्ड भेजा गया। बॉन्ड और प्लान का मिलान किया तो दोनों योजनाओं में अंतर मिला।
इसपर प्रबंधक को कॉल कर बुलाया और दोनों योजनाओं के अंतर के बारे में बताया। प्रबंधक ने लिखित गारेंटी दी कि योजना का लाभ मिलेगा।
जिसके बाद विधायक ने आने वाले तीन सालों की किश्त 29,35,409 रुपए अदा किए। चौथी किश्त के रुपए वापस आने पर पीड़ित ने प्रबंधक से बात की तो उन्होंने कहा कि किश्त जमा करने में देर हो गई है।
जिसके चलते मेडिकल कराकर किश्त जमा करेंगे। इसके बार प्रबंधक किसी शख्स को मेडिकल का व्यक्ति बनाकर विधानसभा सचिवालय में मुख्य सचेतक के कमरे में लाए।
अंजान ने विधायक की नाड़ी पकड़कर अपनी और उनकी फोटो खींची और चौथी किश्त मांगी। विधायक ने ड्राफ्ट बनाकर चौथी किश्त दे दी।
चार माह तक रसीद न मिलने पर प्रबंधक को कॉल की तो उसने शहर से बाहर होने की बात कही। परेशान विधायक जनवरी में पीएनबी मेटलाइफ के ऑफिस पहुंचे।
जहां चौथी किश्त जमा होने का रिकॉर्ड नहीं दिखा। बताया गया कि हेल्थ कारणों के कारण पॉलिसी भी निरस्त कर दी है। 39.35 लाख की ठगी का एहसास होने पर विधायक मनोज पांडेय ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत की।
शुरुआती जांच में आरोप सही मिलने पर कैंट पुलिस ने रमाकांत पांडेय के खिलाफ जाली दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।