
दशहरी ने ली विदाई, सफेदा भी चलने को तैयार, बाजारों में लगी चौसा की भरमार
देश-विदेश में अपनी मिठास घोलने वाली दशहरी ने विदाई ले ली है। वहीं, सफेदा भी जल्द विदा होने की कतार में है। इन आमों की फसल जाने जाने के बाद आया चौसा बाजार में अभी पैर जमाएगा। इसका स्वाद आम के शौकीन 15 अगस्त तक ले सकेंगे। हालांकि इन आमों के दाम अधिक हैं। इसके बाद आम का सीजन खत्म हो जाएगा। फिर से एक साल तक आम का इंतजार करना पड़ेगा।
मलिहाबाद दशहरी का सीजन पूरी तरह से खत्म हो गया है। यह आम हर बार की तरह देश-विदेश में खूब चखा गया है। इस बार बैगिंग तकनीक से आम की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार हुआ और बागवानों को पहले से अधिक दाम मिले हैं। दशहरी के बाद बाजार में सफेदा और लंगड़ा ने दस्तक दी थी। इनका भी स्वाद किसी से कम नहीं है। इसमें लंगड़ा भी विदाई ले चुका है। जबकि सफेदा 10 फीसद बागों में बचा है। इस समय चौंसा का सीजन चल रहा है। जो 15 अगस्त तक खाने को मिलेगा।
इसके अलावा देर से होने वाली प्रजाति आम्रपाली, मल्लिका, अंबिका और अरुणिका बाजार में आने लगी है। लेकिन, यह आम न के बराबर होता है। यह सभी प्रजाति 15 अगस्त तक बाजार में रहेंगी।
मांग के अनुसार नहीं गया आम, 85 टन निर्यात
इस बार बागों में बैगिंग तकनीक का इस्तेमाल करके निर्यात लायक आम तैयार किया गया और बाहरी देशों से ऑडर लिए गए। लेकिन, आम के उचित दाम नहीं मिले। इस वजह से मांग के अनुसार आम का निर्यात नहीं हो पाया। फिर भी बागवान घाटे में नहीं रहे, उन्हें निर्यातकों से ज्यादा दाम अन्य राज्यों में बिक्री करके मिले हैं। अब तक 85.700 टन आम का निर्यात लखनऊ से किया गया है।
इन देशों में इतना हुआ निर्यात
यूनाइटेड अरब अमीरात – 45.280 टन
यूनाइटेड किंगडम – 17.490 टन
कतर – 13.680 टन
बेहरिन – 2.7100 टन
सऊदी अरब – .100 टन
जापान – 1.080 टन
बेल्जियम – 1.080 टन