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दान हमारी सनातन सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक
लखनऊ – मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने गोमतीनगर स्थित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के ऑडिटोरियम में स्पर्श वेलफेयर सोसाइटी एवं नक्षत्र फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित अंगदान जागरुकता कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि दान हमारी सनातन सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक है। इस बहुमूल्य शरीर को मिट्टी में मत मिलाइये, अंगदान देकर हम किसी को नई जिंदगी दे सकते हैं। प्रदेश में रक्तदान के लिए अभियान चलाया जाता है, जिससे जनमानस को रक्त के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। अंगदान को लेकर लोगों में शंका और भ्रम है, लोग घबराते हैं। इसके लिए लोगों को जागरुक करना बहुत जरुरी है।
उन्होंने कहा कि एकमात्र दानी है जो मरकर भी अपने दान के कारण अमर रहता है। हमारे देश में दानवीरों की कमी नहीं है। आज भी महर्षि दधीचि, राजा बलि, राजा हर्षवर्धन, कर्ण, आदि का नाम महादानवीर के रूप में हर कोई जानता है। अंगदान के लिये लोगों को प्रेरित करना चाहिये।
कार्यक्रम मे पीजीआई के निदेशक डॉ0 आर0के0धीमान, किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज की कुलपति डॉ० सोनिया नित्यानन्द, लिवर प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ0 विवेक गुप्ता, सी०टो० के निदेशक डॉ0 राजेश हर्षबर्धन एवं किडनी प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डा0 मनमीत सिंह ने अपने व्याख्यानों से अंगदान एवं अंगप्रत्यारोपण को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां दीं और अंगदान के लिये लोगों को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 ऋचा आर्या एवं सुश्री जया पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम में स्पर्श वेलफेयर सोसाइटी के डॉ0 धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, नक्षत फाउण्डेशन के डॉ0 उदय प्रताप सिंह, डॉ0 नेहा शुक्ला, सुश्री रेखा झा सहित शहर के तमाम गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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