भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोल जिले के फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की छात्रा ने एक शिक्षक द्वारा ‘‘यौन उत्पीड़न’’ से परेशान होकर न्याय न मिलने पर आत्मदाह कर लिया। 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दम तोड़ दिया। छात्रा बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय से एकीकृत बीएड की पढ़ाई कर रही थी।
छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद सोमवार रात दम तोड़ दिया। शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।
छात्रा की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि मामले में सभी दोषियों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। छात्रा को पहले बालासोर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था और फिर बेहतर उपचार के लिए भुवनेश्वर स्थित एम्स भेज दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार ‘बर्न सेंटर’ विभाग की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में उसका उपचार किया जा रहा था। ‘बर्न सेंटर’ ने एक बयान में कहा, ‘‘मरीज को ‘फ्लूइड्स’ (अंतरशिरा तरल) और ‘एंटीबायोटिक्स’ (संक्रमण को खत्म करने वाली दवा) दी गईं, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। विभाग के आईसीयू में उपचार किया गया और गुर्दे की ‘रिप्लेसमेंट थेरेपी’ सहित सभी संभव सहायक उपायों के बावजूद, उसे बचाया नहीं जा सका और 14 जुलाई की रात 11 बजकर 46 मिनट पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री माझी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की छात्रा की मृत्यु की खबर सुनकर बेहद दुखी हूं। सरकार द्वारा सभी जिम्मेदारियों को निभाने और विशेषज्ञ चिकित्सा दल के अथक प्रयासों के बावजूद, छात्रा को नहीं बचाया जा सका।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और भगवान जगन्नाथ से उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। मैं छात्रा के परिवार को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले में सभी दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। इसके लिए मैंने खुद अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। सरकार परिवार के साथ है।
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