
क्या जयंत चौधरी के दबाव में अखिलेश ने बदली अपनी रणनीति
2024 चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की रणनीति में बदलाव देखने को मिल रहा है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और ममता बनर्जी के तेवर नरम पड़े हैं. अखिलेश यादव भी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस ने अध्यादेश को लेकर संसद में विरोध करने की बात कही है. आम आदमी पार्टी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हो गई है. ममता बनर्जी ने विपक्षी एकता को मजबूती देने के लिए अपने तेवर नरम किए हैं।
अखिलेश यादव ने कांग्रेस को लेकर अपने तल्ख तेवर बदल दिए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इसका कारण राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी हैं. जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश में बिना कांग्रेस के चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. अगर सपा-कांग्रेस-आरएलडी तथा अन्य दूसरी पार्टियों का गठबंधन होता है तो जयंत चौधरी इस तरफ रहेंगे. अन्यथा उनके पास भाजपा की ओर से ऑफर मौजूद है।
अखिलेश यादव को हाल में ही गठबंधन को लेकर बड़ा झटका लगा है जब ओमप्रकाश राजभर ने उनका साथ छोड़ दिया है. इसके अलावा उनके एक विधायक दारा सिंह चौहान ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में अखिलेश कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. इसलिए अब वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को अच्छा स्पेस देने के लिए तैयार हैं. देखान होगा कि अखिलेश उत्तर प्रदेश में कितनी सीटें देते हैं।