उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने निजी घरानों को 3500 करोड़ का लाभ देने की तैयारी की है। राज्य विद्युत नियामक आयोग में अभिमत के दाखिल किये गये प्रस्ताव में कॉरपोरेशन ने बिजली कंपनियों को बेचने के लिए कम रिजर्व बिड प्राइस रखी है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि नियामक आयोग ने विद्युत नियामक आयोग ने निजीकरण के मसौदे पर सबसे बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने राज्य सरकार से ज्यादा सम्पत्ति की बिजली कंपनियों को कम सम्पत्ति बताकर उसे विक्रय करने के प्रस्ताव प्रकरण की जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल व दक्षिणांचल निगमों के 42 जिलों को तोड़कर बनने वाली पांच नई बिजली कंपनियों की कुल मिनिमम रिजर्व बिड प्राइस लगभग 6500 से 6800 करोड़ आकी गई, जबकि वास्तव में प्राइस 10,000 करोड़ की है।
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