उत्तर प्रदेशफ्लैश न्यूजभारत

मुख्यमंत्री ने 11 नव चयनित प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार जहां एक तरफ व्यापक पैमाने पर सरकारी नियुक्तियां कर रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी क्षेत्र में भी नौकरियों की अनन्त सम्भावनाओं को लेकर आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से मिशन रोजगार के अन्तर्गत प्रत्येक युवा को उसकी क्षमता और योग्यता के अनुरूप नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने का जो अभियान चल रहा है, इस क्रम में राजकीय इण्टर कॉलेज के 219 नव चयनित प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम आज सम्पन्न हो रहा है।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में मिशन रोजगार के अन्तर्गत निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से चयनित राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 219 प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। यह प्रधानाचार्य उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित किए गए हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने 11 नव चयनित प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधीन आने वाले विद्यालयों को मान्यता देने के लिए एन0आई0सी0 द्वारा निर्मित वेब पोर्टल https://upboardmanyata.upsdc.gov.in/ का शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही उत्तर प्रदेश है, जिसमें कोई भी सुरक्षित नहीं माना जाता था। दंगे और भ्रष्टाचार यहां की पहचान बन गए थे। अव्यवस्था और अराजकता का वातावरण बन चुका था। पहले से किया किया गया निवेश भी पलायन कर रहा था। आज उत्तर प्रदेश निवेश का बेहतरीन गंतव्य बना है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में लगभग 38 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों के जमीनी धरातल पर उतरने के पश्चात लगभग 01 करोड़ 10 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश, देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है। प्रदेश के आध्यात्मिक पर्यटन में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रतिवर्ष 02 से 03 करोड़ श्रद्धालु व पर्यटक प्रदेश में दर्शन के लिए आते थे। आज यह संख्या बढ़कर 30 करोड़ प्रतिवर्ष हो चुकी है। प्रदेश में पर्यटकों के आगमन से रोजगार सृजन में वृद्धि होती है। पर्यटकों से प्राप्त धनराशि को सरकार प्रदेश के विकास पर खर्च करती है। सामूहिक प्रयास द्वारा प्रदेश को देश की नम्बर एक अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है। इसके लिए प्रत्येक क्षेत्र में प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश शिक्षा का केंद्र रहा है। आज भी अरुणाचल प्रदेश के लोग बताते हैं कि उनके पुराने शिक्षक उत्तर प्रदेश से आए थे। अन्य राज्यों में भी आजादी के समय में शिक्षकों की आपूर्ति उत्तर प्रदेश से हुई थी। हमें इस दिशा में फिर से प्रयास करना होगा। अनुशासित और देशभक्त नागरिकों की टीम तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षण संस्थानों की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय राजकीय इण्टर कॉलेज प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ माने जाते थे। चयन की प्रक्रिया समयबद्ध न होने के कारण चयन का स्तर गिर गया था। शिक्षा के क्षेत्र में प्रारम्भ हुई प्रतिस्पर्धा में माध्यमिक शिक्षा से जुड़े हुए राजकीय इण्टर कॉलेज पिछड़ गए थे। इस कारण छात्र संख्या लगातार कम होती गई तथा लोगों का विश्वास कम होता गया। इस जन विश्वास को बहाल करना है। प्रदेश  को एक बार फिर से शिक्षा का हब बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करते हुए जन विश्वास के प्रतीक के रूप में स्वयं और कॉलेज को स्थापित करते हुए कार्य करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने के लिए लंबे समय से मांग हो रही थी। प्रदेश में विगत 06 वर्षों में लगभग 06 लाख सरकारी नियुक्तियां की गई हैं। इसमें से 01 लाख 64 हजार केवल बेसिक और माध्यमिक शिक्षकों की भर्तियां हुई हैं। शिक्षण संस्थान, शिक्षक विहीन न हो इसके लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों की एक निश्चित मानदेय पर, नए शिक्षकों की तैनाती तक, सेवाएं लेने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा से जुड़े हुए सभी संस्थाओं में इस प्रक्रिया को वर्ष 2017-18 से लगातार प्रभावी ढंग से लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में माध्यमिक शिक्षा से जुड़े हुए कॉलेज नकल के अड्डे बन गए थे। विगत वर्षों में खराब हुई छवि को फिर से बदलने का प्रयास किया गया है। गत वर्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा सम्पन्न की गई हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा एक नजीर बनी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने गत वर्ष 56 लाख विद्यार्थियों की नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कर और 14 दिनों में परिणाम घोषित करके अन्य बोर्डों और संस्थाओं के सामने मानक प्रस्तुत किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जिसमें प्रवेश, परीक्षा और परिणाम आदि में शैक्षणिक सत्र का तीन चौथाई समय व्यतीत हो जाता था। यदि 56 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा एक तय समय सीमा में सम्पन्न की जा सकती है तो कोई कारण नहीं कि हम शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जाने वाले सुधारात्मक कदमों को समयबद्ध तरीके से आगे न बढ़ा सकें। इस दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य उस संस्थान की रीढ़ होते हैं। राजकीय इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य का कार्य अत्यंत चुनौती पूर्ण है। यदि वह स्वयं अनुशासित और समयबद्ध है, तथा संस्थान की स्वच्छता और अनुशासन के प्रति जागरूक है, तो विद्यार्थी भी इसका अनुकरण करेंगे।

प्रधानाचार्यों को विद्यालय के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने का प्रयास करना, विद्यालय का शैक्षिक कैलेण्डर स्वयं तैयार करना, विद्यालय को नई गतिविधियों का केंद्र बनाना, नवाचार करना, खेल गतिविधियों को बढ़ावा देना, पुरातन छात्रों का सम्मेलन कराना, विद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करना, अच्छी लैब बनाना आदि विभिन्न गतिविधियों से जुड़ना चाहिए। इन प्रयासों के बहुत सार्थक परिणाम सामने आएंगे। इन प्रयासों को नए सिरे से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। पूर्व में बहुत से लोगों द्वारा किए गए सार्थक पहल व प्रयासों के अच्छे परिणाम आए हैं। उन परिणामों से प्रदेश लाभान्वित हो रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय में परम्परागत पाठ्यक्रम के साथ-साथ बच्चों की रुचि के अनुरूप गतिविधियों और पाठ्यक्रमों को लागू करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि विद्यार्थी अपना सर्टिफिकेट लेकर विद्यालय से निकलते समय अपने को असहाय न महसूस करें। इसके लिए स्किल डेवलपमेन्ट से संबंधित छोटे-छोटे कार्यक्रम बनाए जा सकते हैं, जिनको विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम के साथ-साथ आगे बढ़ा सकते हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के बहुत बड़ी संख्या में छात्र नीट, आई0आई0टी0-जे0ई0ई0 आदि परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए अन्य प्रदेशों में कोचिंग के लिए जाते थे। इससे उनके अमूल्य धन और समय की बरबादी होती थी। कोविड कालखण्ड में कोटा में फंसे प्रदेश के छात्रों को वापस लाया गया था। प्रदेश में उनके अध्ययन की सुविधा के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ प्रारम्भ की गई थी। आप भी यह प्रयास कर सकते हैं। विद्यालय में शिक्षण के लिए तय समय के पश्चात फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, इंग्लिश या बायोलॉजी से जुड़े शिक्षकों द्वारा बच्चों के मार्ग दर्शन हेतु एक घण्टा अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए, ताकि आने वाली प्रवेश परीक्षाओं में विद्यार्थी सफलता प्राप्त कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर आदि बनाना चाहते हैं। इस सपने को पूरा करने में शिक्षक उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चे पढ़ाई में व्यस्त होने के कारण देश-दुनिया की जानकारी नहीं रख पाते। बच्चों को देश-दुनिया, भारत की परम्परा, संस्कृति, महापुरुषों, नेताओं, युवाओं, महिलाओं और बच्चों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी देना विद्यालय की दैनिक गतिविधियों का हिस्सा बनाना चाहिए। सकारात्मक वातावरण के साथ विद्यालय को रचनात्मक गतिविधियों का केंद्र बनाना पड़ेगा। यदि सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो आपके द्वारा किए गए कार्य आपके पूरे कार्यकाल को यादगार बनाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अभी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है।

छोटी सी सकारात्मक पहल व्यापक परिवर्तन का कारण बन सकती है। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े विद्यालयों की स्थिति खराब थी। प्रदेश सरकार के प्रयासों से कोरोना महामारी के बावजूद 01 लाख 30 हजार से अधिक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर किया गया। प्रदेश सरकार ने राजकीय इण्टर कॉलेज आदि संस्थानों में छात्रों की संख्या के अनुसार सहायता देने की व्यवस्था ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के अन्तर्गत बनाई है, जिससे विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा हो सके।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में मिशन रोजगार के अन्तर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 219 नव चयनित प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है। विगत 02 दशकों में संख्यात्मक दृष्टि से राजकीय इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद पर यह सबसे बड़ी नियुक्ति प्रक्रिया है। यह चयन प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ पूरी गई है।
कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में किए गए गुणात्मक सुधारों एवं उपलब्धियों पर लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री दीपक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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