
मुख्यमंत्री ने विधान सभा में अनुपूरक बजट की चर्चा में अपने विचार व्यक्त किये
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन तथा डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में वर्ष 2017 के बाद देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदली हैं। आज उत्तर प्रदेश को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है।
जिस तरह से आज दुनिया का दृष्टिकोण भारत के प्रति बदला है, उसी तरह से देश और दुनिया की धारणा उत्तर प्रदेश के बारे में भी बदली है। यह परसेप्शन ही उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पहचान है। प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा प्रतिबद्धता से कार्य किया जा रहा है। प्रदेश आर्थिक प्रगति करेगा तो इसका लाभ राज्य के हर व्यक्ति को मिलेगा।
मुख्यमंत्री आज विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तुत अनुपूरक बजट पर चर्चा के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान मण्डल में विगत 06-07 वर्षों से चर्चा-परिचर्चा का बेहतर माहौल बना है। यह एक अच्छी शुरुआत है। विगत साढ़े छः वर्षों में डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में प्रदेश में अनेक कार्य हुए हैं।
वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 लगभग 13 लाख करोड़ रुपये थी। वर्ष 2023-24 में यह लगभग साढ़े 24 लाख करोड़ रुपये हुई है। इसमें लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 में लगभग 43 हजार रुपये थी, जो वर्ष 2022-23 में लगभग दोगुनी होकर 83 हजार रुपये से अधिक हुई है। वर्ष 2023-24 के आकड़ों में इसमें और भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 के बीच बजट का औसत आकार लगभग 02 लाख 70 हजार करोड़ रुपये था। वर्ष 2017-18 से 2022-23 के बीच बजट का औसत आकार दोगुना होकर लगभग 05 लाख 23 हजार करोड़ रुपये हो गया है। वर्ष 2023-24 का मूल बजट 06 लाख 90 हजार करोड़ रुपये का था।
अनुपूरक बजट 28 हजार करोड़ रुपये का है। दोनों मिलाकर इस वर्ष का बजट लगभग 07 लाख 19 हजार करोड़ रुपये का है। अनुपूरक बजट के साथ यह अब तक का प्रदेश का सबसे बड़ा बजट है। इस बजट के माध्यम से राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का राजकोषीय प्रबंधन बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है। आज उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में जाना जा रहा है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश को राज्य कर से 86 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। यह वर्ष 2023-24 में बढ़कर लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये हुआ है।
वर्ष 2016-17 में स्टाम्प रेवेन्यू के माध्यम से प्रदेश को प्राप्त 11 हजार करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2023-24 में 34 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इसी प्रकार सेल्स टैक्स के माध्यम से 49 हजार करोड़ रुपये का कुल रेवेन्यू प्रदेश को प्राप्त होता था, आज वैट व अन्य टैक्स के माध्यम से डेढ़ लाख करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं।
स्टेट एक्साइज के माध्यम से वर्ष 2016-17 में प्रदेश को 12 हजार करोड़़ रुपये प्राप्त होते थे, आज प्रदेश को 58 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं। परिवहन द्वारा वर्ष 2016-17 में प्रदेश को प्राप्त कुल 5000 करोड़ रुपये के राजस्व के सापेक्ष वर्ष 2023-24 12,600 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं।



