अपने फिल्मी समय में करिश्मा कपूर ने दर्शकों की पसंद को देखते हुए छोटे पर्दे का भी रूख किया और करिश्मा ने बतौर अभिनेत्री काम करके दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया।
वर्ष 2003 में उधोगपति संजय कपूर से शादी करने के बाद करिश्मा कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया, लेकिन बाद में फिल्म निर्माता सुनील दर्शन के जोर देने पर करिश्मा कपूर ने फिल्म ‘मेरे जीवन साथी‘ के जरिये फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से वापसी की।
फिल्म में अपने एंटी किरदार से करिश्मा कपूर ने दर्शको को रोमांचित कर दिया।
करिश्मा कपूर के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेता गोविन्दा के साथ काफी पसंद की गयी। उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म ‘मुकाबला‘ में एक साथ पसंद की गई।
बाद में उनकी जोड़ी को फिल्मकारो ने अपनी फिल्मों में रिपीट किया। इन फिल्मों में राजा बाबू, दुलारा, खुद्दार, कुली नंबर वन, साजन चले ससुराल, हीरो नंबर वन, हसीना मान जायेगी, शिकारी जैसी फिल्में शामिल हैं।
करिश्मा कपूर को उनके सिने करियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ के लिए सर्वप्रथम उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्म फेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार, वर्ष 2000 में फिल्म ‘फिजा‘ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया।
वर्ष 2012 में प्रदर्शित फिल्म ‘डेंजरस इश्क’ से करिश्मा कपूर ने इंडस्ट्री में दूबारा वापसी की लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म सफल नहीं रही। करिश्मा कपूर ने अपने तीन दशक से अधिक लंबे सिने करियर में 60 से अधिक फिल्मों में काम किया है।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए
नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।