Chemical फर्टिलाइजर अपने साथ मौत लाया
Chemical फर्टिलाइजर आया तो कैंसर अपने साथ लाया। थोड़ा बहुत किडनी डैमेज का खतरा भी। न्यूरो डैमेज केमिकल फर्टिलाइजर का बोनान्जा आफर तो है ही।
महाराष्ट्र में विकास वाले Chemical फर्टिलाइजर ने 36 जान ले ली। जाहिर है इनके शरीर में विकास का जहर जरा ज्यादा चला गया लेकिन कौन दावे से कह सकता है कि विकास का जहर उसके शरीर में नहीं जा रहा?
धूर्त वामपंथी और मूर्ख आधुनिकतावादी सालों साल जिस आधुनिक खेती का प्रचार करते रहे उसका परिणाम क्या निकला? कैंसर? न्यूरो डिसाआर्डर?
इसका मतलब ये, इनकी प्रयोगशाला और इनके प्रोडक्ट अंततः आपको बीमार करने के लिए डिजाइन किये गये हैं।
इन्होंने गाय को भोजन घोषित कर दिया ताकि आपके स्वस्थ होने की रही सही संभावना भी खत्म हो जाए। गाय भोजन नहीं है। गाय जो उत्पन्न करती है, वह आपका भोजन है। दूध दही से ज्यादा उसका गोबर और गोमूत्र कीमती है।
जिन फसलों का उत्पादन गोबर और गोमूत्र के प्रयोग से होता है वो आपके शरीर में कैंसर पैदा नहीं करता। आपका न्यूरो सिस्टम भी ठीक रखता है। और आपका मानसिक संतुलन इतना तो बना ही रहता है कि आप गाय को भोजन नहीं मानते।
विशेष नोट:
बताते चलें कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के यवतमल, बुलढाणा और अकोला जिले में कीटनाशक का जहर सांस के साथ शरीर के अंदर जाने से तीन दर्जन से अधिक किसानों की मौत हो गई। अकेले यवतमाल जिले में अब तक 19 किसानों की मौत हो गई है। मामले में 8 कृषि सेवा केंद्र के मालिकों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया गया है। 5 कृषि केंद्रों से कीटनाशक बेचने पर पाबंदी लगा दी गई है।
विदर्भ इलाके में अभी तक कीटनाशकों के जहर से लगभग 38 किसानों की मौत हो चुकी है और 2,000 गंभीर रूप से बीमार पड़ गए हैं। कपास की फसल पर कीड़ा लगने से बचाने वाले कीटनाशक का जहर सांस के साथ शरीर के अंदर जाने की वजह से किसानों की मौत हो रही है।
पत्रकार संजय तिवारी के फेसबुक वाॅल से साभार……