उत्तर प्रदेश

मरीजों के दलाल: पलभर में बहला-फुसलाकर पहुंचा देते हैं निजी अस्पताल, डॉक्टर के बाद पैंतरा बदलकर बन गए तीमारदार

लखनऊ। प्रदेश की सबसे बड़ी किंज जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी मरीजों की दलाली का अड्डा बन गई है। यहां घूम रहे दलाल पल भर में तीमारदारों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पताल पहुंचा दे रहे। कुछ दिनों पहले इन्हें डॉक्टर के रुप में घूमते हुए पकड़ा गया तो अब पैंतरा बदल दिया। इसबार मरीज का तीमारदार बनकर घूम रहा दलाल हत्थे चढ़ा है।

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित ट्रामा सेंटर में एक बार फिर मरीजों को निजी अस्पताल ले जाते समय एक युवक को पकड़ा गया है। युवक खुद को मरीज का रिश्तेदार बता रहा था। ट्रामा प्रशासन की तरफ से पूरे मामले की जानकारी प्रॉक्टर को भेज दी है। जल्द ही युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जायेगी।

दरअसल, यह पूरा मामला शुक्रवार का बताया जा रहा है। ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीज को एक युवक निजी अस्पताल लेकर जा रहा था, लेकिन इसी बीच ट्रामा सेंटर मे तैनात सुरक्षाकर्मियों को शख्स पर शक हो गया। सुरक्षाकर्मियों ने सतर्कता से जांच की तो पूरा मामला खुल गया। पूछताछ में मरीज के परिजनों ने भी युवक को पहचानने से इंकार कर दिया। डॉ. संदीप तिवारी ने बताया है कि घटना उनके संज्ञान में है। युवक की पहचान कर ली गई है। युवक ट्रामा से मरीज ले जा रहा था, मरीज के परिजनों ने उसे पहचानने से इंकार कर दिया। इस बात की जानकारी प्रॉक्टर को दे दी गई। कल युवक के खिलाफ दर्ज कराई जायेगी।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं दलाल और फर्जी डॉक्टर

ऐसा पहली बार नहीं है जब कोई मरीजों का दलाल ट्रामा सेंटर में पकड़ा गया हो। इससे पहले किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में दो महीने पूर्व एक युवक पकड़ा गया था। यह युवक फर्जी डॉक्टर बनकर ट्रामा सेंटर में घूम रहा था। इस दौरान कुछ कर्मचारियों को उस पर शक हो गया और उन्होंने उसको धर दबोचा। इस मामले में ट्रामा प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी थी। बता दें कि एक युवक डॉक्टर बनकर ट्रामा सेंटर पहुंचा था। उसने एसजीपीजीआई का आईकार्ड भी लगा रखा था। ट्रामा सेंटर में पहुंचने के बाद उसने खुद को डॉक्टर बताया और वहां मौजूद कर्मचारियों पर रौब गांठने लगा। इस बीच कर्मचारियों को शक हो गया और उन्होंने इसकी सूचना ट्रामा प्रशासन को दी। मौके पर पहुंचे ट्रामा प्रभारी डॉ.संदीप तिवारी ने जब युवक से जानकारी ली। तब जाकर फर्जी डॉक्टर का राज खुला था।

सक्रिय रहते हैं दलाल

निजी अस्पताल के दलाल मरीजों को बरगलाने के लिए आये दिन नये- नये तरीके निकाल रहे हैं। जिससे मरीजों को ट्रामा से निजी अस्पताल ले जा सकें। इससे पहले फोन पर केजीएमयू का डॉक्टर बनकर मरीजों से पैसा कमाने के लिए निजी अस्पताल ले जाया जा रहा था। जब इस पर सख्ती हुई तो खुद ही डॉक्टर बनकर लोग पहुंचने लगे, लेकिन वहां भी पकड़े गये। लेकिन इस बार यह अपने आप में अलग मामला है जब दलाल मरीज का परिजन बनकर सामने आया है।

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