
ब्रेन स्टेम डेड मरीजों के अंगदान पर खर्च उठाएगा लोहिया संस्थान, शासी निकाय की 41वीं बैठक में लिया गया निर्णय
ब्रेन स्टेम डेड मरीजों के परिजनों की स्वीकृति बाद यदि अंगदान किया जाता है तो उस रोगी के अस्पताल खर्चों का भुगतान अस्पताल द्वारा किया जायेगा। मरीजों के उपचार में देरी से बचने के लिए सामान्य उपयोग की 250 से अधिक औषधियां और कंज्यूमेबल्स वार्ड में ही उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके लिए मरीजों से मामूली हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) शुल्क लिया जाएगा, जिसमें ये सुविधाएं शामिल होंगी। इससे रोगी का उपचार तत्काल शुरू हो सकेगा। मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की शासी निकाय की 41वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में मरीजों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ व प्रभावी बनाना है।
नर्सिंग संवर्ग को मिलेगा दो साल का अध्ययन अवकाश
इसके अतिरिक्त नर्सिंग संवर्ग के लिए उच्चतर शिक्षा को अध्ययन अवकाश अधिकतम 2 वर्ष के लिये स्वीकृत किया जायेगा। नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में फंडस एग्जामिनेशन और काला मोतिया जांच जैसी सामान्य प्रक्रियाओं के लिए लिया जाने वाला 50 रु. शुल्क समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। ओपीडी प्रोसीजर्स को रजिस्ट्रेशन शुल्क में ही शामिल मानते हुये ये जांचे निःशुल्क की जाएंगी, जिससे मरीजों का समय बचेगा।