BJP ने कंगना के बयान को बताया गलत, गुलाबचंद कटारिया बोले- भीख में नहीं, बलिदान से मिली है आजादी
कंगना रनौत के आजादी को लेकर दिए बयान पर राजनीति तेज है। अब राजस्थान बीजेपी के नेता गुलाबचंद कटारिया ने इसे लेकर अपनी असहमति का इजहार किया है। राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि आजादी के लिए लाखों लोगों ने बलिदान दिया है। किसी भी सूरत में उसे भीख में मिली आजादी नहीं कहा जा सकता।
कंगना ने कहा था कि भारत को 2014 में आजादी मिली थी। जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई थी। और 1947 में देश की आजादी को “भीख” या भिक्षा बताया था। कंगना के बयान को कांग्रेस नेता रघुवीर मीणा ने मूर्खतापूर्ण बताते हुए इसे शहीदों का अपमान बताया था। इसके साथ ही उन्होंने इस बयान पर बीजेपी से अपनी राय देने को कहा था।
कंगना के बयान को बताया गलत
इसे लेकर कटारिया ने कंगना के बयान को गलत बताया। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए लंबे समय तक लड़ाई चली। लोगों ने अलग-अलग तरीके से इसमें अपनी भूमिका निभाई है। लोगों का तरीका अलग रहा होगा। लेकिन आजादी पाना ही सबका मकसद था। कटारिया ने आगे कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद देश निर्माण का काम मजबूती से बढ़ा है। लेकिन आजादी भीख में नहीं मिली है।
कंगना पर मुकदमा दर्ज
आजादी के बयान को लेकर कंगना पर राजस्थान के कई शहरों में मुकदमा दर्ज किया गया है। जयपुर कोतवाली, उदयपुर, जोधपुर, चुरू, भीलवाड़ा, पाली और नागौर जिले में भी FIR दर्ज कराई गई है।
पद्मश्री वापस लौटाने की कही बात
कंगना रनौत अपने ‘आजादी’ वाले बयान पर कायम है। उन्होंने कहा, कि अगर कोई उन्हें 1947 में हुई घटना के बारे में बता सकता है। तो वह अपना पद्मश्री लौटाने के लिए तैयार है। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक किताब के कुछ अंश साझा करते हुए लिखा। 1857 स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों के बलिदान के साथ 1857 मुझे पता है। लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था। मुझे पता नहीं है। अगर कोई मेरी जागरूकता ला सकता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस लौटा दूंगी और माफी भी मांग लूंगी। कृपया इसमें मेरी मदद करें।



