
आजम लौटे..लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर बैनर, लिखा-गौर से सुनो…हवाओं में सरकार बदलने का ऐलान
लखनऊ : पार्टी नेता आजम खान की सीतापुर जेल से रिहाई के बाद लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर एक बैनर लगा हुआ है। पोस्टरों में लिखा है, ”…आजम लौटे, ये एक नई सुबह की पहचान है, गौर से सुनो…हवाओं में सरकार बदलने का ऐलान है। बता दें कि आजम खान को उनके खिलाफ सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद 23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया था।
सीतापुर जेल से करीब दो साल बाद आज़म खान मंगलवार को रिहा हुए। उन्होंने बुधवार को पत्रकारों के साथ बातचीत की और कहा कि अदालतों से उन्हें इंसाफ मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह उनके खिलाफ दर्ज मामलों में बेदाग साबित होंगे। खान ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उच्च न्यायालय से इंसाफ मिलेगा और अगर वहां से नहीं मिला तो उच्चतम न्यायालय से न्याय जरूर मिलेगा।
पार्टी छोड़ने के सवाल पर बोले आजम खान
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आज़म खान ने पार्टी न छोड़ने का संकेत देते हुए बुधवार को कहा कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उतना ही प्यार करते हैं, जितना वह उनके पिता दिवंगत मुलायम सिंह यादव से करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि वह मूर्ख नहीं है जो पार्टी छोड़ दें। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा उनकी रिहाई का स्वागत करने और इसे न्याय की जीत बताने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में खान ने कहा, “वह (अखिलेश) एक बड़ी पार्टी के नेता हैं। अगर उन्होंने मेरे जैसे छोटे आदमी के लिए ऐसा कुछ कहा है, तो यह उनकी महानता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि वह अखिलेश से उतना ही प्यार करते हैं जितना वह ‘नेता जी’ (मुलायम सिंह यादव) से करते थे। सपा छोड़ने की अटकलों पर खान ने कहा, “मैं मूर्ख नहीं हूं, पार्टी छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।” हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि जेल से रिहा होने के बाद से उनकी यादव से फोन पर बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “मैं फोन चलाना भूल गया हूं; मेरे पास फोन नहीं है, अखिलेश मुझे कैसे कॉल करेंगे।
बसपा में शामिल होने की अफवाह
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने की अफवाहों को खारिज करते हुए खान ने कहा, “मेरा एक चरित्र है, मैंने साबित कर दिया है कि मैं ऐसा शख्स नहीं हूं जिसे खरीदा जा सके।
खान ने कहा, “मेरे पास सालों से फोन नहीं था, मुझे केवल अपनी पत्नी का नंबर याद था और अब मैं वह नंबर भी भूल गया हूं।” रामपुर और सैफई खेमों के बीच कथित मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर, खान ने हल्के-फुल्के अंदाज में पत्रकारों से इस मामले में “आग न लगाने” का आग्रह किया। जब उनसे यादव के इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई कि प्रदेश में सपा सरकार बनने पर उनके खिलाफ दर्ज झूठे मामले वापस लिए जाएंगे तो खान ने कहा, “शायद इसकी ज़रूरत नहीं है।”
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “अगर उन शब्दों में ज़रा भी दम होता, तो आप मुझे इस तरह बाहर नहीं देख रहे होते। निचली अदालत से लेकर उच्चतम न्यायालय तक, मुझे उम्मीद है कि मुझे इंसाफ मिलेगा। और आप देखिएगा, मैं बिल्कुल बेदाग निकलूंगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से नाराज़ हैं कि रिहाई के बाद कोई वरिष्ठ सपा नेता या स्थानीय सांसद उन्हें लेने नहीं आए, ख़ान ने जवाब दिया, “कोई नाराज़गी नहीं है। वे स्वस्थ रहें।
मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव के उनसे मिलने आने की अटकलों पर, ख़ान ने भावुक होते हुए कहा, “मैंने पांच साल एक छोटी सी कोठरी में अकेले बिताए हैं। किसी के इंतज़ार का एहसास अब खत्म हो गया है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि 2027 में सपा अगली सरकार बनाएगी, तो ख़ान ने कहा, “मैं भविष्यवाणी नहीं करता। मेरी अपने लिए कोई इच्छा नहीं है।
मैं उनके लिए शुभकामनाएं देता हूं – वह नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के बच्चे हैं।” समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और रामपुर से 10 बार विधायक रहे खान पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें ज़मीन हड़पने और भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल हैं। इन्हें मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया जाता रहा है। अदालत से ज़मानत मिलने के बाद वह मंगलवार शाम रामपुर स्थित अपने घर पहुंचे।