
गंगा जल लेकर बाबा बुद्धेश्वर पहुंचे कांवड़िये, जलाभिषेक कर की पूजा-अर्चना
श्रावण मास के पवित्र अवसर पर बुद्धेश्वर मन्दिर में बुधवार को कांवड़ियों की भीड़ उमड़ पड़ी। कांवड़िये दूर-दूर से आकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहे हैं और अपनी कांवर चढ़ा रहे हैं।
कांवड़ियों की भावनाएं : कांवड़िये भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर कांवर चढ़ा रहे हैं। भक्तों का मानना है कि भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आएगी। कांवड़िये अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए कांवर चढ़ा रहे हैं।
पुलिस प्रशासन की व्यवस्था : पुलिस प्रशासन ने कांवड़ियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की है। पुलिसकर्मी कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रख रहे हैं। बुद्धेश्वर मन्दिर के आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
कांवर यात्रा का महत्व : बुद्धेश्वर महादेव मंदिर के महंत लीलापुरी ने बताया कि मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आएगी। कांवर यात्रा के दौरान कांवड़िये अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजा-अर्चना करते हैं। कांवड़ियों की सेवा के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं। कांवड़ियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, कांवड़ियों के लिए चिकित्सा की व्यवस्था भी की गई है।
कांवर यात्रा का समापन : महंत लीलापुरी ने बताया कांवर यात्रा का समापन रक्षाबंधन के अवसर पर होगा। कांवड़िये अपने आराध्य देव की पूजा-अर्चना करने के बाद अपने घरों को लौट जाएंगे। कांवर यात्रा के दौरान कांवड़ियों की भावनाएं और उनकी भक्ति का दृश्य देखने लायक होता है।