
बार-बार प्रधानमंत्री बदलने से गुस्साए लोग, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प, 200 से अधिक गिरफ्तार
फ्रांस में बार-बार पीएम बदलने को लेकर भारी हंगामा मचा हुआ है। बुधवार को पेरिस सहित कई शहरों में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया और सार्वजनिक संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया। कई जगहों पर आगजनी की घटनाओं ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति मैक्रों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे बार-बार प्रधानमंत्री बदले जाने से नाराज हैं।
नए प्रधानमंत्री को लेकर असंतोष
लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि देश में एक साल में चौथी बार प्रधानमंत्री बदला गया है। इन प्रदर्शनों के जरिए जनता अपनी नाराजगी जाहिर कर रही है। गृह मंत्रालय के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के शुरुआती घंटों में करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
80,000 पुलिसकर्मियों के बावजूद बेकाबू भीड़
प्रदर्शनकारियों ने पहले भी चेतावनी दी थी कि वे अपने आंदोलन के दौरान सब कुछ ठप कर देंगे। शुरुआत में यह आंदोलन शांत रहा और लोगों ने सोशल मीडिया पर हैशटैग के जरिए अपनी मौजूदगी लगातार दर्ज कर रहे थे, लेकिन दिन- प्रतिदिन यह प्रदर्शन तेज होता चला गया। सरकार ने इस प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लगभग 80,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी, लेकिन इसके बावजूद भी भीड़ बेकाबू हो गई और बैरिकेड्स तोड़ दिए गए, हर तरफ हाहाकार मच गया। इसके बाद तुरंत गिरफ्तारियां शुरू हुईं।
अशांति फैलाने की कोशिश का आरोप
गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने बताया कि पश्चिमी शहर रेनेस में एक बस को आग के हवाले भी कर दिया गया। दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में बिजली लाइन को काफी नुकसान पहुचाया गया है। इसकी वजह से ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी देश में लगातार अशांति और विद्रोह का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है की वे शांत हो जाएं।
सेबेस्टियन लेकोर्नू बने नए प्रधानमंत्री
हाल ही में फ्रांस के रक्षा मंत्री रहे 39 वर्षीय सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। फ्रांस्वा बायरू के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन बार-बार प्रधानमंत्री बदलने के फैसले से जनता खुश नहीं है और इसे लेकर उनका गुस्सा सड़कों पर साफ दिखाई दे रहा है।