
Amitabh Bachchan ने Kamini Kaushal के निधन पर शोक व्यक्त किया, दिग्गज एक्ट्रेस को बताया महान कलाकार
दिग्गज अभिनेत्री कामिनी कौशल का शुक्रवार को 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शनिवार को मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर एक भावुक नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कामिनी के साथ अपने परिवार के बंधन को याद किया और उन्हें एक “सुखद, स्नेही और प्रतिभाशाली कलाकार” बताया। अमिताभ बच्चन ने दिवंगत अभिनेत्री कामिनी कौशल को याद करते हुए उन्हें एक “महान कलाकार” और “बड़ी हस्ती” बताया, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान दिया।
कामिनी कौशल ने 1946 में फिल्म ‘नीचा नगर’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। वह 1940 के दशक के उत्तरार्द्ध तथा 1950 के दशक के आरंभ में फिल्म उद्योग की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्रियों में शामिल थीं। उन्होंने दिलीप कुमार, देव आनंद और राज कपूर की मशहूर तिकड़ी के साथ भी अभिनय किया था। बाद में 1960 के दशक में वह चरित्र अभिनेत्री की भूमिका करने लगीं। उन्होंने आखिरी बार 2022 में आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में अभिनय किया। उस समय उनकी उम्र 95 वर्ष थी।
फिल्मों में उनका सफर 76 वर्षों तक चला, जो अपने आप में एक अद्भुत उपलब्धि है। शनिवार को ‘शोले’ अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ‘एक्स’ पर एक लंबा पोस्ट लिखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, “…एक और दुखद खबर… पुराने दिनों की एक प्यारी पारिवारिक मित्र हमें छोड़कर चली गईं… जब देश का बंटवारा भी नहीं हुआ था… कामिनी कौशल जी — महान कलाकार, एक आदर्श, जिन्होंने हमारे फिल्म उद्योग में बहुत बड़ा योगदान दिया और जो आखिर तक हमारे साथ जुड़ी रहीं… उनका परिवार और मेरी मां जी का परिवार, विभाजन से पहले पंजाब में बेहद घनिष्ठ मित्र थे।
उन्होंने कहा, “कामिनी जी की बड़ी बहन मेरी मां जी की बहुत करीबी दोस्त थीं… वे दोनों साथ पढ़ती थीं और खुशमिजाज, समान विचारों वाली सहेलियां थीं… दुर्भाग्य से बड़ी बहन का एक दुर्घटना में निधन हो गया, और उस समय की परंपरा के अनुसार, दिवंगत बहन की छोटी बहन का विवाह उनके जीजा से कर दिया गया।”
बच्चन ने कहा, “एक बेहद मिलनसार, स्नेही और प्रतिभाशाली कलाकार 98 वर्ष की उम्र में हमें छोड़कर चली गईं… … यादों का एक पूरा दौर समाप्त हो गया… न केवल फिल्म जगत के लिए, बल्कि हमारी दोस्ती के संसार के लिए भी। एक-एक करके सभी हमें छोड़ रहे हैं… यह बहुत दुख का क्षण है, जिसमें अब केवल संवेदनाएं और प्रार्थनाएं ही शेष हैं।



