खेल-खिलाड़ी

वो खिलाड़ी जिसके आगे हार गए अंग्रेज

न्यूजीलैंड की टीम टी20 वर्ल्ड कप 2021 के फाइनल में पहुंच गई। सेमीफाइनल के मुकाबले में कीवी टीम ने इंग्लैंड को पांच विकेट से हराया। इस जीत के नायक दो खिलाड़ी रहे डैरेल मिचेल और जिमी नीशडैरेल मिचेल ने 28 साल की उम्र में न्यूजीलैंड के लिए डेब्यू किया। सबसे पहले टी20 फिर टेस्ट और फिर वनडे टीम में उन्हें जगह मिली।

पहले ही टेस्ट में उन्होंने फिफ्टी लगाई। फिर पाकिस्तान के खिलाफ सातवें नंबर पर उतरकर सैकड़ा लगाया। उन्होंने अभी तक पांच टेस्ट, तीन वनडे और 21 टी20 इंटरनेशनल खेले है।

नीशम ने जहां आखिरी ओवरों में कैमियो खेलकर पासा पलटा तो मिचेल ने ओपनिंग करते हुए एक छोर थाम लिया और आखिरी में जीत दिलाकर ही लौटे। उन्होंने 47 गेंद में चार चौकों और चार छक्कों से 72 रन की नाबाद पारी खेली।

मिचेल इस टूर्नामेंट में ही ओपनर बने है। इससे पहले वे मिडिल ऑर्डर में खेला करते थे। वे ऑलराउंडर की भूमिका भी निभाते है। तो कौन हैं डैरेल मिचेल और कैसी है उनकी कहानी।

डैरेल मिचेल खेल बैकग्राउंड वाले परिवार से आते हैं. उनके पिता जॉन मिचेल न्यूजीलैंड की रग्बी टीम के सदस्य और कोच रहे है। डैरेल ने भी स्कूल के दिनों में रग्बी खेली है लेकिन उनका सपना क्रिकेट खेलने का था। न्यूजीलैंड के घरेलू टी20 टूर्नामेंट सुपर स्मैश में उन्होंने फिनिशर की भूमिका में पहचान कायम की पिछले पांच साल में न्यूजीलैंड के घरेलू क्रिकेट में उनसे ज्यादा छक्के किसी ने नहीं लगाए है।

कोलिन डी ग्रैंडहोम के चोटिल होने के बाद उन्हें टी20 वर्ल्ड कप के लिए न्यूजीलैंड टीम में मौका मिला. उन्हें जिमी नीशम के साथ फिनिशर के रूप में चुना गया था।

डैरेल मिचेल ने स्काई स्पोर्ट्स न्यूजीलैंड से बातचीत में बताया कि बैटिंग के लिए मैदान में जाने से पहले वे अपने साथी ओपनर के साथ गाने गाते है। डैरेल को ओपनर बनाने का फैसला टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले वॉर्म अप मैचों के दौरान लिया गया था। अब यह फैसला मास्टर स्ट्रोक से कम नहीं लग रहा।

उन्होंने इस टूर्नामेंट में 27, 49, 13, 19, 17 और नाबाद 72 रन की पारियां खेली है। यह उनके इंटरनेशनल टी20 करियर का अभी तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है।

डैरेल मिचेल का बचपन अलग-अलग देशों में गुजरा है. उनके पिता इंग्लैंड में एक क्लब के रग्बी कोच थे। यहां रहते हुए डैरेल ने पहली बार लॉर्ड्स के मैदान को देखा था। जब वे क्रिकेटर बने तो काउंटी टीम मिडिलसेक्स का हिस्सा बने। रोचक बात देखिए कि मिडिलसेक्स का होम ग्राउंड लॉर्ड्स का मैदान ही है।

डैरेल के पिता जब ऑस्ट्रेलिया में कोच बने तो यहां पर भी डैरेल ने रहने का तजुर्बा लिया. यहीं रहते हुए डैरेल ने जस्टिन लैंगर से बैटिंग स्किल्स की बारीकियां सीखीं।

डैरेल मिचेल ने 28 साल की उम्र में न्यूजीलैंड के लिए डेब्यू किया। सबसे पहले टी20 फिर टेस्ट और फिर वनडे टीम में उन्हें जगह मिली। पहले ही टेस्ट में उन्होंने फिफ्टी लगाई। फिर पाकिस्तान के खिलाफ सातवें नंबर पर उतरकर सैकड़ा लगाया। उन्होंने अभी तक पांच टेस्ट, तीन वनडे और 21 टी20 इंटरनेशनल खेले है।

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