
2014 से पहले यूपीए में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर नहीं दी जाती थी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की पुस्तक में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की तत्कालीन सरकार पर 26/11 के मुंबई हमले की प्रतिक्रिया संबंधी टिप्पणी से उपजे विवाद के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है। उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी जाती थी। सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने सशस्त्र सेनाओं को उचित समय पर उचित निर्णय लेने का पूरा अधिकार प्रदान किया ताकि देश के लोगों को यह दिखाया जा सके कि भारत ऐसी परिस्थिति में किस प्रकार का जवाब देता है।
तिवारी की पुस्तक पर एक संवाददाता के सवाल का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 2014 से इस प्रकार के निर्णय स्पष्ट उद्देश्य और नेतृत्व के साथ लिए गए। इससे सशस्त्र सेनाओं का मनोबल ऊंचा हुआ और (राष्ट्रीय सुरक्षा के) मुद्दों पर ध्यान दिया गया। तिवारी ने अपनी नयी पुस्तक ‘10 फ्लैशप्वाइंट्स: 20 ईयर्स’ में 26/11 के मुंबई हमलों पर कार्रवाई को लेकर तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की आलोचना की गयी है। किताब दो दिसंबर को बाजार में आएगी।
एनडीए की तरह यूपीए ने नहीं दिया जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि यूपीए सरकार ने आतंकवाद को वैसे जवाब नहीं दिया जिस तरह से एनडीए ने दिया। खासकर पुलवामा वाली घटना के बाद.वित्त मंत्री ने कहा, 26/11 किसकी सत्ता में हुआ था? उस समय सत्ता में कौन था? पीएम मोदी के समय में इस तरह के निर्णय स्पष्ट नेतृत्व के साथ किए जाते हैं। बलों को सही विश्वास में लेकर पूरी ताकत दी गई चाहे वह पुलवामा हो या सुंजवां भारत ने इन समयों में जिस तरह से प्रतिक्रिया दी। वह यूपीए के दौरान गायब थी।
इस बीच, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने सोमवार को रक्षा पर कम खर्च की वकालत करते हुए सुझाव दिया कि भारत को इसके बजाय शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में निवेश करना चाहिए। दिल्ली में भारत-रूस समाज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अय्यर ने दावा किया कि अगर देश सैन्य हथियारों में कम निवेश करें तो दुनिया से गरीबी दूर की जा सकती है।
अय्यर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए। सीतारमण ने कहा, मुझे आश्चर्य है कि क्या इस पर प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए। क्या हमारे देश की रक्षा करना महत्वपूर्ण नहीं है। मेरा जवाब सबसे पुरानी पार्टी के शासनकाल में रहे मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं की मदद करेगा। हमें देश की रक्षा करने की आवश्यकता है। 10 वर्षों में उन्होंने ऐसा बिल्कुल नहीं किया। जिसके परिणामस्वरूप वह अंतर भी हम भर रहे है। इस सब पर संसद में बहस के दौरान भी चर्चा की गई थी। कि यूपीए के 10 साल के तहत रक्षा मंत्रालय कैसे निष्क्रिय था.आज हम और खर्च कर रहे हैं क्योंकि हमें वह सब भी करना है।