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20 साल बाद अफगानिस्तान में फिर कैसे जीता तालिबान

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया है। 20 साल बाद तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता में लौट रहा है। जिस तरह से तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी हुई है। उसकी कल्पना 2021 के शुरू में मुश्किल थी। मगर अब यह हकीकत हो गया है। और अफगानिस्तान में तालिबान का राज हो गया है। लेकिन यहां समझने की जरूरत होगी कि आखिर 20 साल बाद अफगानिस्तान में तालिबान की जीत कैसे हुई और किन 10 तारीखों ने इतिहास बदल कर रख दिया। तो चलिए जानते हैं 10 तारीखों में अफगानिस्तान में तालिबान के वापसी की कहानी।

14 अप्रैल 2021- तालिबान की जीत का पहला कदम
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया कि 1 मई से अमेरिकी फौजों की अफगानिस्तान से स्वदेश वापसी शुरू हो जाएगी। और 31 अगस्त तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद ही तालिबान को सत्ता में आने का मौका नजर आ गया।

4 मई 2021- तालिबान ने हमले शुरू किए
अमेरिकी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान की सरकारी फौज के खिलाफ दक्षिणी हेलमंद प्रांत में सैन्यअभियान शुरू किया। उसी वक्त छह प्रांतों में एक साथ यह अभियान शुरू हुआ था।

11 जून 2021 – तालिबन का नेर्ख पर कब्जा
अफगान सरकार के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत करते ही तालिबान ने काबुल के नजदीक नेर्ख जिले पर कब्जा कर लिया। इसी वक्त देशभर में कई जगहों पर भारी जंग जारी थी।

22 जून 2021 – पहली चेतावनी
अफगानिस्तान में तालिबान लगातार पांव पसार रहा था। इसकी जानकारी भी दुनिया को थी। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने कहा कि तालिबान ने 370 में से 50 जिलों पर कब्जा कर लिया है।

2 जुलाई – खाली हुआ बगराम
अमेरिकी फौजों ने चुपचुचाप बगराम हवाई अड्डे को खाली कर दिया।अमेरिकी सैनिक रातोरात वहां से चले गए। जो प्रभावी तौर पर अमेरिका की अफगानिस्तान में युद्ध से हटने का प्रतीक था। इसके बाद तालिबान और अधिक अक्रामक हो गया।

5 जुलाई 2021 – तालिबान की हर ओर जीत
अफगानिस्तान में तालिबान का एक के बाद एक अन्य शहरों पर राज होता गया। तालिबान ने कहा कि वे अगस्त की शुरुआत से पहले अफगान सरकार को एक लिखित शांति प्रस्ताव भेज सकते हैं।

6 अगस्त – तालिबान का जरांज पर कब्जा
तालिबान ने दक्षिण में ईरान से लगती सीमा पर स्थित निमरूज प्रांत की राजधानी जरांज पर कब्जा कर लिया जो सालों बाद उसके कब्जे में आई पहली प्रांतीय राजधानी । इसके बाद शहरों पर कब्जे का सिलसिला शुरू हो गया।

13 अगस्त – कंधार पर कब्जा
तालिबान ने अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर कब्जा कर लिया। इसके साथ ही पश्चिम में हेरात भी अफगान सेना के हाथ से चला
गया।

14 अगस्त – जलालाबाद पर कब्जा
उत्तर के सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर तालिबानी झंडा फहरा गया। अमेरिका ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों को निकालने के लिए और सैनिक भेज रहा है। तालिबान के लड़ाके काबुल की ओर बढ़ रहे थे और जलालाबाद में उनका कोई विरोध नहीं हुआ और आसानी से कब्जा हो गया।

15 अगस्त – तालिबान ने किया काबुल फतह
तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश कर लिया। काबुल फतह करते ही अफगानिस्तान में तालिबान का राज शुरू हो गया। काबुल में तालिबानियों की एंट्री के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के कर्मचारी भी काबुल से निकल गए और तालिबान के कमांडर राष्ट्रपति भवन में घुस गए।

 

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