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सभी ट्रेड्स के पाठ्यक्रमों का डिजिटल कण्टेण्ट उपलब्ध कराया जाए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा है कि आज की आवश्यकताओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार किए जाएं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा ही विकास को गति प्रदान करती है। ऐसे में उत्कृष्ट पठन-पाठन और नकलविहीन परीक्षा ही प्रगति और समृद्धि में सहायक होगी।

मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में शिक्षा सेक्टर के 07 विभागों के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। शिक्षा सेक्टर के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, युवा कल्याण एवं खेल विभागों का प्रस्तुतीकरण किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र लम्बे समय तक शिक्षा माफिया की चपेट में रहा है। लेकिन हमारी सरकार ने नकल विहीन शुचितापूर्ण परीक्षा का संकल्प लिया है, इसको प्रत्येक दशा में पूरा किया जाए। शैक्षिक गुणवत्ता के लिए तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों को समयानुकूल अपडेट किया जाना आवश्यक है।

ड्रोन टेक्नोलॉजी, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग जैसे अधुनातन विषयों का समावेश कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए। वोकेशनल एजुकेशन में बाजार की जरूरत के अनुसार स्किल्ड युवाओं को तैयार किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, कृषि शिक्षा में नवाचारों का समावेश जरूरी है। इस दिशा में ठोस प्रयास अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को तकनीक आधारित जानकारी प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक शैक्षिक संस्थान में यथासम्भव कैरियर काउंसिलिंग सेल का गठन होना चाहिए। आई0टी0आई0 व पॉलीटेक्निक सहित अन्य तकनीकी संस्थाओं को ओ0डी0ओ0पी0, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़कर समायानुकूल ट्रेड से जोड़ा जाए। इससे कुशल मानव संसाधन उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा प्रणाली को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। तकनीक का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन एजुकेशन, ऑनलाइन परीक्षा तथा ऑनलाइन तैयारी की रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना को तैयार करते समय उपलब्ध मानव संसाधन का ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना ने उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त और स्तरीय तैयारी के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म दिया है। इसे और व्यवस्थित किया जाना चाहिए। अभी मण्डल मुख्यालयों पर संचालित इन कक्षाओं को सभी 75 जिलों में विस्तार दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में सत्र 2022-23 में 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के नामांकन का लक्ष्य लेकर नियोजित ढंग से कार्य करें। समस्त छात्र-छात्राओं का शत-प्रतिशत आधार पंजीकरण कराया जाए। छात्रों के वर्तमान अधिगम स्तर का आकलन स्वतंत्र संस्था द्वारा मूल्यांकन के माध्यम से कराया जाए। परिषदीय शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा से अगले 100 दिनों में लाभान्वित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 06 माह की अवधि में समस्त छात्र-छात्राओं को यूनीफॉर्म, बैग, स्वेटर, जूता-मोजा की धनराशि का डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरण कर दिया जाए। यह सुनिश्चित कराएं कि बच्चे यूनीफॉर्म में ही विद्यालय आएं। 02 वर्ष के भीतर प्रदेश में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं को चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ने की कार्यवाही की जाए। समस्त परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक कक्षा के लिए न्यूनतम एक क्लास रूम की स्थापना का लक्ष्य लेकर कार्य करें। प्रत्येक ब्लॉक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की स्थापना के प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एन0आई0आर0एफ0 की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क जारी किया जाए। इससे संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव उत्पन्न होगा। बेहतरी के लिए प्रयास का बोध होगा। छात्र को दाखिला लेना हो या सेवायोजन कम्पनी में प्लेसमेण्ट करना हो, संस्था का चयन करने में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय फार्मेसी एवं बायो इंजीनियरिंग रिसर्च संस्थान और स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड अर्बन मैनेजमेण्ट की स्थापना के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से हम न सिर्फ युवाओं को आत्मनिर्भर बना सकते हैं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी में भी महती भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 05 ‘लाइट हाउस आई0टी0आई0’ का विकास किया जाए।

विशिष्ट कौशल मांग के अनुरूप यहां छात्रों को प्रशिक्षित किया जाए। यह संस्थान अन्तर्राष्ट्रीय मानक के होंगे, जो भविष्य में इस क्षेत्र में बेंचमार्क इंस्टीट्यूट साबित होंगे। प्रत्येक विकास खण्ड में आई0टी0आई0 और राजकीय आई0टी0आई0 में स्मार्ट क्लास का निर्माण किया जाए। सभी ट्रेड्स के पाठ्यक्रमों का डिजिटल कण्टेण्ट उपलब्ध कराया जाए। राज्य आई0टी0आई0 की ग्रेडिंग और रैंकिंग सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगल दल खेल-कूद के साथ युवाओं को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का शानदार मंच बनकर उभरे हैं। मंगल दलों द्वारा फिट इण्डिया, नमामि गंगे, वृक्षारोपण, रक्तदान, स्वच्छता, कोविड से राहत एवं बचाव आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए गए। आगामी 100 दिनों में 1,000 और 02 वर्ष में 11,000 मंगल दलों का गठन करने की कार्यवाही की जाए।

प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर युवक एवं महिला मंगल दल की स्थापना का कार्य किया जाए तथा उन्हें स्पोर्ट्स किट उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में स्टेडियम उपलब्ध नहीं हैं, उन जनपदों में सरकारी, पी0पी0पी0 तथा खेल संघों आदि के माध्यम व सहयोग से स्टेडियम स्थापना की सम्भावनाओं पर विचार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार राज्य में खेल सम्बन्धी अवस्थापना सुविधाओं का लगातार विकास कर रही है। इन प्रयासों को और नियोजित स्वरूप देते हुए यथाशीघ्र मेजर ध्यानचन्द स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरुआत की जाए। यथाशीघ्र प्रदेश की नई खेल नीति तैयार की जाए। इसमें खेल जगत के प्रोफेशनल की मदद भी ली जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय मेरठ का निर्माण कार्य तेजी से किया जाए। इसके कुलपति पद पर खेल जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को स्थान दिया जाना चाहिए। मण्डल स्तर पर स्पोर्ट्स कॉलेज, स्पोर्ट्स अकादमी की स्थापना के लिए पी0पी0पी0 मॉडल अपनाने पर विचार किया जाए। इन्हें खेल की किसी एक-एक विधा से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने टोक्यो ओलम्पिक तथा टोक्यो पैरालम्पिक में पदक विजेताओं व प्रतिभागी खिलाड़ियों को सम्मानित करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के लर्निंग आउट कम में सुधार, नामांकन में वृद्धि, ड्रॉप आउट में कमी, ट्रांजिशन और रिटेंशन दर में वृद्धि के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य योजना बनाकर कार्यवाही अमल में लायी जाए। संरचनात्मक शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधार के लिए कक्षा 12वीं में बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न वर्ष 2025 तक लागू करने की जरूरत है। कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न वर्ष 2023 से नया सत्र शुरू होने के पहले लागू करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 09 और 11 में इण्टर्नशिप प्रोग्राम, रोजगारोन्मुखी कौशल शिक्षा और सर्टिफिकेशन, राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण की स्थापना की दिशा में कार्यवाही शुरू की जाए। साथ ही, पांच वर्ष पर विद्यालयों का मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन भी करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पांच वर्षों के भीतर सभी असेवित क्षेत्रों में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट कॉलेज की स्थापना के लिए अभी से रणनीति बनाकर कार्यवाही शुरू करें।

सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, रियल टाइम मॉनिटरिंग, स्टूडेण्ट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबन्धन प्रणाली की व्यवस्था लागू की जाए। 02 वर्षों के भीतर संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन करें। साथ ही, शिक्षा में तकनीकी के उपयोग को देखते हुए एकीकृत डाटा प्रबन्धन प्रणाली लागू कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी स्तरों पर शैक्षिक पदों की रिक्तियों पर चयन की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए। योग शिक्षक के पदों पर भी चयन की कार्यवाही हो। अध्यापक पुरस्कारों के लिए मानकों में संशोधन करने पर विचार करें। आगामी 100 दिनों में राजकीय विद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा, सभी विद्यालयों की वेबसाइट, सभी विद्यार्थियों की ई-मेल आई0डी0, राजकीय विद्यालयों में बायोमेट्रिक अटेण्डेंस शुरू करने के प्रयास हों। कैरियर काउंसलिंग पोर्टल ‘पंख’ का विकास, विद्यालय ऑनलाइन अनुश्रवण श्रेणीकरण और ई-लाइब्रेरी पोर्टल का विकास किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले पांच वर्षों में गुणात्मक सुधार किए हैं, इन्हें जारी रखा जाए। उच्च शिक्षण संस्थानों में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण सार्वभौमिक और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए। नवाचारों में वृद्धि, शोध एवं अनुसंधान में वृद्धि, सकल नामांकन दर में वृद्धि, विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 100 दिनों में 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क और ।ठ।ब्न्ै.न्च् के लिए नियमावली बनाकर पोर्टल का शुभारम्भ करें। साथ ही, निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल, 05 राजकीय महाविद्यालयों और 03 राज्य विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेटर्स का शुभारम्भ करें। 03 नए राज्य विश्वविद्यालयों माँ शाकुम्भरी राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ और महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का प्रथम फेज मार्च, 2023 तक पूर्ण करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यू0जी0सी0 ने एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने के लिए स्वीकृति दी है। यू0जी0सी0 की गाइडलाइन के अनुरूप यहां रणनीति तैयार की जाए। संस्कृत को तकनीकी के माध्यम से रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता है। 180 घण्टे का सर्टिफिकेट और 360 घण्टे का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करें। ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के लिए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। संस्कृत की पारम्परिक विद्या, कर्मकाण्ड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और योग आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना, अर्चक और पुरोहित तैयार करने की दिशा में कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास मिशन ने गत वर्षों में युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर सेवायोजित करने में बड़ी भूमिका निभायी है। अब विकास खण्ड स्तर तक कौशल प्रशिक्षण सुविधाओं का विस्तार करने की दिशा में प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही करें और जिला कौशल विकास योजना के अनुरूप नए कोर्सेस का विकास किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान में उद्योगों के संचालन के लिए कुशल जनशक्ति की आपूर्ति और जापानी भाषा के अध्ययन की भी व्यवस्था की जाए। प्रदेश में स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी एवं भूमि का चयन समय से कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 06 माह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रथम चरण में 25,000 माध्यमिक और उच्चतर कक्षाओं के छात्रों का कौशल प्रशिक्षण किया जाए। 100 दिनों में तीन रोजगार मेलों का आयोजन किया जाए। कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की जरूरतों को देखते हुए अगले 06 माह में 10,000 से अधिक प्रशिक्षार्थी को कंस्ट्रक्शन सेक्टर में प्रशिक्षित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 02 वर्षों में राजकीय आई0टी0आई0 में इग्नू के लर्निंग सेण्टर की स्थापना और छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ ही, उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराएं। शहरी क्षेत्र में सर्विस सेक्टर जैसे हाउस कीपिंग, हॉस्पिटैलिटी, वेयरहाउस, एकाउण्टिंग इत्यादि में प्रशिक्षण हेतु विशेष प्राथमिकता दी जाए।

प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों द्वारा अपने सुझाव भी दिए गए। मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला ने माध्यमिक शिक्षा विभाग, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग ने उच्च शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास और प्राविधिक शिक्षा श्री अमृत अभिजात ने व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग, अपर मुख्य सचिव युवा कल्याण श्रीमती डिम्पल वर्मा ने युवा कल्याण विभाग तथा प्रमुख सचिव खेल श्रीमती कल्पना अवस्थी ने खेल विभाग के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिए।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं श्री ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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