राज्यों के साथ कारोबार सुगमता के लिए अनुपालन के बोझ को कम करने का प्रयास – गोयल
नयी दिल्ली – वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर देश में कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अनुपालन की ‘बोझिल’ लाइसेंसिंग और नवीकरण की प्रक्रिया को हटाने के लिए काम किया जा रहा है।
गोयल ने शनिवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के आत्मनिर्भर भारत के लिए कारोबार सुगमता पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उद्योग और सरकार को मिलकर अदालतों में लंबित वाणिज्यिक मुद्दों के हल के लिए काम करना चाहिए। गोयल ने कहा, हम राज्यों के साथ मिलकर अनुपालन के ‘थकाऊ’ बोझ को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा प्रयास लाइसेंसिंग, नियामकीय और मंजूरियोंकी जरूरतों को कम करने और नवीकरण की प्रक्रिया को सुसंगत बनाने का है।
आगे चलकर स्व-नियमन और स्व-प्रमाणन एक जरूरत बनने जा रहा है। वाणिज्यिक विवादों के तेजी से निपटान पर गोयल ने कहा कि हम मध्यस्थता को एक पसंदीदा व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे हर कोई अदालतों का रुख नहीं करे। उन्होंने कहा कि सीआईआई के सदस्य कुछ शीर्ष वकीलों की सेवाएं ले सकते हैं और सरकार को यह समझ बनाने में मदद कर सकते हैं कि भारतीय प्रणाली के लिए क्या व्यावहारिक है।
उन्होंने कहा, कुछ नीतिगत बदलावों, ढांचागत बदलावों की जरूरत हो सकती है। कानून में कुछ संशोधनों की जरूरत हो सकती है।लेकिन कुछ चीजें मेरे नियंत्रण से बाहर है। इनमें रिट याचिकाएं शामिल हैं। मंत्री ने उद्योग से आग्रह किया कि वे नियामकीय अनुपालन पोर्टल और औद्योगिक लैंड बैंक पोर्टल पर जाएं और अपने सुझाव सरकार को दें। उन्होंने कहा, हम उचित कीमत पर औद्योगिक जमीन की तलाश कर रहे हैं। स्व-नियमन निश्चित रूप से नियम होना चाहिए। मैं उद्योग से कहूंगा कि वे पारदर्शिता और स्व-नियमन के लिए अपने सुझाव दें।



