योगी सरकार के चार साल पूरे
लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार को चार साल पूरे हो चुके हैं। इन चार सालों में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना था। सरकार ने अपराधियों के खिलाफ जमकर डंडा भी चलाया। उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले तो बुलंद रहे। लेकिन पुलिस ने संगठित गिरोहों और उनके आकाओं को कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
पुलिस की चार साल में बदमाशों के साथ 7,791 बार मुठभेड़ हुई, जिसमें 135 अपराधी ढेर हो गए। हालांकि कुछ मुठभेड़ को लेकर यूपी पुलिस भी सवालों के घेरे में भी आई। यहीं नहीं सरकार ने अपराधियों और माफियाओं पर कार्रवाई करते हुए 950 करोड़ की संपत्ति ध्वस्त कर दी.वहीं प्रदेश के चिन्हित टॉप 25 अपराधियों में 24 जेल में बंद हैं।
यूपी में अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, अशरफ, मुबारक खान सहित तमाम ऐसे नाम हैं। जिनके दशकों तक दहशत रही। सियासी मौसम कोई भी रहा हो। लेकिन सत्ता-संरक्षण की छतरी इनके सिर से हटी नहीं। यह नाम बीते चार बरस से भी चर्चा में हैं।
फर्क ये है कि अब ये कानून के निशाने पर हैं। दर्जनों माफिया और गैंगस्टर की लगभग 950 करोड़ रुपये की संपत्ति योगी आदित्यनाथ सरकार ने न सिर्फ जब्त कराई। बल्कि दहशत और काली कमाई से बनाई इमारतों पर बुल्डोजर चलाकर समाज को कानून के राज का संदेश भी दिया।
योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून और उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून बनाकर देश भर में चर्चा में आई. दरअसल, चार वर्ष में एक भी दंगा न होने देने को सरकार अपनी उपलब्धि मानती है।
लेकिन सीएए-एनआरसी के विरोध में जब हिंसक प्रदर्शन हुए तो दंगाइयों की संपत्ति से सरकारी क्षति की वसूली का कानून बनाकर सरकार ने फिर आंखें तरेर दीं। शोहदों के पीछे एंटी रोमियो स्क्वॉयड लगाने वाली प्रदेश सरकार ने जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कानून बनाकर भी मिसाल पेश की।
महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि योगी आदित्यनाथ शासनकाल में 20 मार्च 2017 से नौ मार्च 2021 के बीच पुलिस और अपराधियों के बीच 7,791 मुठभेड़ हुईं। इनमें पुलिस की गोली लगने से 135 अपराधी मारे गए।
जबकि 3,039 घायल हुए। मुठभेड़ में 16,661 अपराधी गिरफ्तार हुए। हालांकि मुठभेड़ के दौरान सीओ समेत 13 पुलिसकर्मी शहीद भी हुए और 1100 पुलिसकर्मी जख्मी हुए।
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए सरकार ने पहले एंटी रोमियो स्क्वॉयड बनाया। 218 पॉक्सो कोर्ट बनाई गईं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति शुरू किया। जिसके तहत 1,535 थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी पुलिस का न सिर्फ इकबाल बढ़ाया। बल्कि संसाधनों के लिए खजाना भी खोला। दिन-रात ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों का हाल देखने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले लखनऊ पुलिस लाइन पहुंचे। उनके जर्जर आवास और बैरक को देखने के बाद उन्हें सुधारने की मुहिम शुरू की।
योगी सरकार ने 1,37,640 पदों पर नई भर्तियां, 59 नए थाने और 28 पुलिस चौकियां, चार नए महिला थाने, 40 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, 10 नए सतर्कता अधिष्ठान, 16 नए साइबर क्राइम थाने, 69 नए अग्निशमन केंद्र और हर जिले में एक-एक विद्युत निरोधक पुलिस थाना,ट्रांजिस्ट हास्टल व बैरक समेत 577 आवासीय निर्माण का काम पूरा कराया।
योगी सरकार ने आईपीएस अफसरों के कामकाज को लेकर विवादों में रहे 8 आईपीएस अफसरों को निलंबित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश दिया था। अब 8 में से तीन अफसरों का निलंबन खत्म हो गया है।



