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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोविड-19 से बचाव व उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड-19 से बचाव व उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में कोविड संक्रमण के नए केस में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इसके दृष्टिगत सतर्कता और सावधानी बरतना जरूरी है।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर टीम-9 की बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में पॉजिटिविटी दर न्यूनतम है। जीनोम सिक्वेंसिंग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कोविड के ओमीक्रोन वैरिएन्ट का ही संक्रमण है। यह स्थिति घबराने की नहीं है, किन्तु सतर्क और सचेत रहने की है। उन्होंने निर्देशित किया कि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने में तेजी लायी जाए। बूस्टर डोज के महत्व और बूस्टर टीकाकरण केन्द्रों के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 236 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 152 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 1087 है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 96 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 11 करोड़ 54 लाख 92 हजार 701 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।

बैठक में यह जानकारी भी दी गयी कि राज्य में गत दिवस तक 33 करोड़ 21 लाख 90 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 13 करोड़ 87 लाख 17 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। इस प्रकार 94.09 प्रतिशत लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। इसी आयु वर्ग में 15 करोड़ 33 लाख 12 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है।

विगत दिवस तक 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग में 98.46 प्रतिशत किशोर कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज तथा 81.21 प्रतिशत किशोर टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर चुके हैं। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 91.44 प्रतिशत बच्चों ने टीके की पहली खुराक तथा 46.79 प्रतिशत बच्चों ने टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर ली है। 32 लाख 82 हजार से अधिक प्रिकॉशन डोज प्रदान की जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री कहा कि आगामी जुलाई माह से संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। उन्होंने निर्देशित किया कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी तैयारियां समय से पूर्ण कर ली जाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग, सैनिटाइजेशन के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ायी जाए। जागरूकता प्रसार के प्रयासों में जनप्रतिनिधिगण का भी सहयोग लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को निःशुल्क टैबलेट व स्मार्टफोन वितरण का कार्य सुचारू रूप से जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि आगामी 05 वर्षों में प्रदेश के दो करोड़ युवाओं को डिजिटल शक्ति से लैस किया जाएगा। बिना भेद-भाव के विद्यार्थियों को टैबलेट/स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित करने की इच्छुक संस्थाओं को राज्य सरकार की ओर से सभी जरूरी सहयोग दिए जाएं। स्थापना संबंधी नियमों/अर्हताओं को भी यथासंभव सरल किया गया है। ऐसे प्रस्तावों को कतई लंबित न रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न शहरों में शान्तिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के प्रयासों में शामिल समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। ऐसे असामाजिक लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने निर्देशित किया कि असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के दौरान यह ध्यान रखा जाए कि किसी भी निर्दोष का उत्पीड़न न हो और एक भी दोषी न बचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वामित्व योजना के तहत घरौनी वितरण तथा वरासत के निर्विवाद उत्तराधिकार के मामलों को खतौनियों में दर्ज किए जाने से ग्रामीण क्षेत्र की जनता को काफी सुविधा मिली। उन्होंने निर्देशित किया कि इन कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाए। एक माह का विशेष अभियान चलाकर निर्विवाद उत्तराधिकार के सभी मामलों को खतौनियों में दर्ज कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि उत्तराधिकारियों को उनका अधिकार यथाशीघ्र मिले।

पैमाइश के लिये ई-फाइलिंग की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ एवं अन्य आपदाओं की स्थिति में स्थापित राहत कैम्पों में रहने वाली महिलाओं/किशोरियों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराई जाए। डिग्निटी किट में सैनेटरी पैड, साबुन, तौलिया, डिस्पोजे़बल बैग, बाल्टी, मास्क आदि शामिल हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को खाद और उन्नतशील बीज की सहज उपलब्धता कराई जाए। ऐसे प्रयास किए जाएं कि एक वर्ष बीज ले जाने वाला किसान अगले वर्ष स्वयं बीज उपलब्ध कराने में सहायक बने। इससे बीज की उपलब्धता बढ़ेगी और उस किसान की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी। इस सम्बंध में किसानों को प्रोत्साहित किया किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान हितैषी योजनाओं से एक भी पात्र किसान वंचित न रहे।

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