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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकाॅल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 10 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 16 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 191 है।

जनपद अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, कासगंज, ललितपुर, महोबा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शामली, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.7 प्रतिशत है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 2,30,740 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 07 करोड़ 44 लाख 95 हजार 406 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण से बचाव में कोविड टीकाकरण एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। राज्य में अब तक 08 करोड़ 47 लाख 20 हजार 708 कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। यह किसी भी प्रदेश में किया गया सर्वाधिक टीकाकरण है।

मुख्यमंत्री ने डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों के सम्बन्ध में प्रदेशव्यापी सर्विलान्स कार्यक्रम को और प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिये। बुखार व संक्रमण के अन्य लक्षणों के संदिग्ध मरीजों की पहचान कर, उन्हें उचित परामर्श दिया जाए। डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के दौरान बुखार/दस्त आदि की दवाइयां वितरित की जाएं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बेड एवं दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। फिरोजाबाद, आगरा, कानपुर नगर, मथुरा आदि प्रभावित जनपदों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि केन्द्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में अब तक 400 आॅक्सीजन प्लाण्ट क्रियाशील हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि शेष 155 प्लाण्ट की स्थापना की कार्यवाही भी तेजी से की जाए। तकनीशियनों का प्रशिक्षण शीघ्र पूरा कराया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी जिलाधिकारी निर्माणाधीन प्लाण्ट के कार्याें का नियमित निरीक्षण करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित कराने में ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेले’ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना नियंत्रित स्थिति में है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने आगामी 19 सितम्बर से मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का आयोजन पुनः प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे अन्त्योदय कार्डधारक परिवार, जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में से किसी भी योजना से आच्छादित नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से 40 लाख से अधिक अन्त्योदय कार्डधारक परिवार लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा घोषित नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में प्रदेश के चार चिकित्सा संस्थानों को शीर्ष 15 में स्थान मिला है। इस प्रतिष्ठित सूची में एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ 5वें, बी0एच0यू0, वाराणसी 7वें, के0जी0एम0यू0, लखनऊ 9वें तथा ए0एम0यू0, अलीगढ़ 15वें स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सूची में इन संस्थानों को शामिल किया जाना गौरवपूर्ण है। यह रैंकिंग दर्शाती है कि प्रदेश में चिकित्सीय सुविधाओं को स्तरीय स्वरूप दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समस्त गो-आश्रय स्थलों में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का प्रबन्ध किया जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त के स्तर से निराश्रित गो-आश्रय स्थल की माॅनीटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि किसानों, व्यापारियों और अन्य छोटे उपभोक्ताओं के लिए बिजली बकाये की एकमुश्त समाधान की कार्ययोजना शीघ्र तैयार की जाए। उन्होंने एकमुश्त योजना को पूर्णतः व्यावहारिक बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बिजली बिल में ओवरबिलिंग और फाल्स बिलिंग बिल्कुल न हो, तकनीक की मदद से इसका स्थायी समाधान निकाला जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रत्येक माह तथा मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में प्रत्येक दो माह में व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाए। जिलाधिकारी की बैठक में पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा मण्डलायुक्त की बैठक में आई0जी0/डी0आई0जी0 स्तर के अधिकारी अवश्य सम्मिलित हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य पूरी तत्परता से संचालित किये जाएं। प्रभावित लोगों को तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध करायी जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राप्ती को छोड़कर शेष नदियांें का जल स्तर कम हो रहा है। आपदा मोचक टीमें पूरी तरह से सक्रिय हैं।

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