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बिहार के मंत्री का दावा- कहीं नहीं जा रहे हैं नीतीश कुमार, पूरा करेंगे अपना कार्यकाल

एक ओर जहां नीतीश कुमार को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। तो वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी और इसको लेकर स्पष्टीकरण भी दिए जाने शुरू हो गए हैं। दरअसल, मीडिया जगत में इस बात की चर्चा जोरों पर है। कि नीतीश कुमार बिहार का मुख्यमंत्री पद छोड़कर दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बन सकते हैं। इसको लेकर चर्चा लगातार गर्म है।

दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाकर भाजपा बिहार में मुख्यमंत्री पद पर अपने नेता को बैठाएगी। इन सबके बीच नीतीश कुमार के बेहद ही करीबी और बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा ने इन खबरों को अफवाह बताया है। अपने ट्वीट में संजय झा ने साफ तौर पर कहा कि मैं इस तरह के अफवाह से हैरान हूं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यसभा में जाने पर विचार कर रहे हैं। यह शरारती अफवाह है और सच्चाई से काफी दूर है।

संजय झा ने इसके साथ ही कहा कि नीतीश कुमार के पास बिहार की सेवा करने का जनादेश है। और वह मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखेंगे। वह कहीं नहीं जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2020 में बिहार चुनाव के दौरान नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा थे। लोगों ने उन्हीं के चेहरे के आधार पर गठबंधन को वोट देकर दिया था।

उनमें लोगों की सेवा करने की अटूट प्रतिबद्धता है। और बिहार के बदलने की क्षमता भी है। मैं सभी से दुष्प्रचार से दूर रहने की अपील करता हूं। दूसरी ओर जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार को बिहार में 5 वर्षों के लिए जनता की सेवा का जनादेश प्राप्त है। अर्थात नीतीश कुमार कहीं नहीं जाने वाले हैं। वह मुख्यमंत्री हैं और आगे भी रहेंगे।

दरअसल, बिहार की राजनीति में सबसे ज्यादा इस बात की चर्चा है कि अब नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति बनेंगे और राज्य में भाजपा का अपना मुख्यमंत्री होगा। इस चर्चा के बीच नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कुछ ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद इन दावों को और मजबूती मिल रही है। दरअसल, नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में राज्यसभा जाने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद का वह सदस्य हो चुके हैं।

लेकिन अभी तक राज्यसभा का सदस्य नहीं बने हैं। भाजपा का प्लान यह है कि अगर नीतीश कुमार बिहार छोड़कर दिल्ली की राजनीति में जाते हैं, ऐसे में राज्य में वह अपना मुख्यमंत्री बनाएगी। 2020 के विधानसभा चुनाव में 74 सीटें जीतने के बावजूद भी भाजपा ने 43 सीटों पर जीत हासिल करने वाली जदयू के नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने दिया। हालांकि अब वीआईपी पार्टी के भी तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में उसकी संख्या 77 हो गई है और वह बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

 

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