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प्रदेश सरकार द्वारा पौने पांच वर्ष में साढ़े चार लाख से अधिक नौकरियां सरकारी विभागों में दी गई

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां लोक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा नवचयनित 57 नायब तहसीलदारों एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय विद्यालयों के 210 नवचयनित प्रवक्ताओं व सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इनमें प्रवक्ता पद के 141 और सहायक अध्यापक पद के 69 नवचयनित अभ्यर्थी सम्मिलित हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने तहसीलदार पद पर नवचयनित सुश्री प्रीति सिंह एवं श्री कमलेन्द्र प्रताप सिंह तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालय में नवचयनित सुश्री साधना अग्रहरी एवं श्री आदित्य जैन से संवाद किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने बिना किसी भेदभाव के पारदर्शी एवं ईमानदारी से चयन के उपरान्त राजस्व विभाग के नायब तहसीलदारों व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ताओं व सहायक अध्यापकांे की नियुक्ति की है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 73 नायब तहसीलदारों का चयन हुआ है। इनमें 57 चयनित अभ्यर्थियों को पुलिस वेरिफिकेशन आदि नियुक्ति सम्बन्धी औपचारिकताएं पूर्ण होने के पश्चात आज नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा एक समय सीमा के अन्दर चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ा करके अभ्यर्थियों का चयन किया जा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2017 से पूर्व योग्यता एवं प्रतिभा के बावजूद अभ्यर्थियों को चयन का अवसर नहीं मिल पाता था। वर्तमान प्रदेश सरकार एक साफ-सुथरी प्रक्रिया के माध्यम से नौजवानों को सरकारी नौकरियों में नियोजित कर रही है, जिसका प्रतिफल आज यहां नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के रूप में दिख रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के राजस्व प्रशासन मंे नायब तहसीलदार जनता एवं तहसील प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य करता है। नायब तहसीलदार द्वारा तहसील में आमजन से जुड़े कार्य-नामान्तरण सम्बन्धी वादों का निस्तारण, पात्र व्यक्तियों को भूमि आवंटन का कार्य, राजस्व देयों एवं अन्य देयों की वसूली का कार्य, खतौनी में अंश निर्धारण एवं उसमें होने वाले सभी प्रकार के परिवर्तनों (आदेशों के अमलदरामद का कार्य), जन सामान्य से प्राप्त होने वाली शिकायतों का लेखपालों एवं राजस्व निरीक्षकों से जांच कराकर निस्तारण,

ग्राम समाज की भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाने का कार्य, किसी भी प्रकार की दैवीय आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने एवं राहत तथा दवा वितरण का कार्य, पंचायतनामा, पूर्व मृत्यु कालिक बयान दर्ज करने का कार्य, त्योहारों के समय शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु मजिस्ट्रेट ड्यूटी का कार्य, मा0 उच्च न्यायालय ने शासन की ओर से प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने का कार्य, निर्वाचन एवं मतदाता पुनरीक्षण सम्बन्धी कार्य के साथ-साथ जिला प्रशासन के अन्तर्गत आने वाले समस्त विभागों से प्राप्त प्रकरणों की जांच एवं पर्यवेक्षणीय कार्य, उच्च अधिकारियों द्वारा सौंपे जाने वाले अन्य महत्वपूर्ण कार्य नायब तहसीलदार के स्तर पर सम्पन्न होते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना महत्वपूर्ण कार्य नायब तहसीलदार के स्तर पर सम्पन्न होने का मतलब है कि यह राजस्व व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि विवाद के लगभग 60 प्रतिशत मामले राजस्व से जुड़े होते हैं। इस प्रकार के मामले ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा पाए जाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामित्व योजना के अन्तर्गत गांवांे में आबादी की भूमि से सम्बन्धित मामलों का निस्तारण करने के लिए तकनीकी का प्रयोग करते हुए घरौनी की व्यवस्था की गयी है।

स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ग्रामीण आबादी की मैपिंग ड्रोन से कराकर गांव में खुली बैठक का आयोजन कर सम्बन्धित व्यक्ति का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा अब तक कुल 16,267 ग्राम पंचायतों में 24 लाख 19 हजार 889 ग्रामीण परिवारों को आवासीय अभिलेख (घरौनी) उपलब्ध करायी गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से 02 लाख परिवारों को आवासीय अभिलेख उपलब्ध कराए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक अभियान के माध्यम से लगभग 64,366 हेक्टेयर भूमि को भू-माफियाओं से अतिक्रमण मुक्त कराया है। इससे प्रदेश का एक लैण्ड बैंक बना है। इस भूमि पर प्रदेश सरकार द्वारा उद्योग, स्कूल एवं अन्य विकास के कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश में पात्र लोगों, जिनके पास अपनी भूमि नहीं है, उनको भी इस प्रकार की भूमि आवंटित की जा रही है। प्रदेश मंे पाकिस्तान एवं बांग्लादेश से आये 63 बंगाली हिन्दू परिवारों को जनपद कानपुर देहात मंे प्रति परिवार दो एकड़ भूमि तथा रहने के लिए 200 वर्ग गज भूमि के साथ-साथ घर बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से प्रति परिवार 1.20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा प्रदेश ने राजस्व सम्बन्धित अन्य उपलब्धियां भी हासिल की हैं। उत्तर प्रदेश के राजस्व  न्यायालयों में कुल लम्बित विभिन्न वादों के सापेक्ष कुल 21,67,815 वादांे का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया गया है। राजस्व विभाग के अन्तर्गत जन शिकायतों के निस्तारण हेतु समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली के तहत 01 वर्ष में 3,34,6621 शिकायतों के सापेक्ष 3,31,039 (99 प्रतिशत) शिकायतों का निस्तारण किया गया है।

राजस्व लेखपाल, राजस्व निरीक्षक को स्मार्टफोन उपलब्ध कराए गये हैं, जिससे तकनीकी का बेहतरीन उपयोग करते हुए आमजन की समस्याओं का समाधान का रास्ता आसानी से निकल सके। प्रदेश में 1,09,092 राजस्व ग्रामों के सापेक्ष 86,214 राजस्व ग्रामों के भू-मानचित्रों को डिजिटाइज कर खतौनी से लिंक किया जा चुका है। प्रदेश के सभी प्रकार के राजस्व आंकड़ों को डिजिटाइज किया गया है, जिससे रजिस्ट्री आदि के नाम पर आमजनमानस एवं गरीबों का शोषण न हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 297 तहसीलदारों को उपजिलाधिकारी के पद पर प्रोन्नति प्रदान की गयी है।

333 नायब तहसीलदारों को प्रोन्नति प्रदान करते हुए तहसीलदार पद पर तैनाती दी गई है। राजस्व निरीक्षक के पद पर 759 कर्मचारियों को प्रोन्नति दी गई है। 556 कनिष्ठ सहायकों की भर्ती राजस्व विभाग में की गयी है। साथ ही, राजस्व विभाग के 512 मृत कार्मिकों के मृतक आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चयन की प्रक्रिया के साथ प्रमोशन की कार्यवाही को भी समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे जमीनी धरातल पर आमजन को न्याय मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत लगभग 05 वर्षों के दौरान शिक्षा विभाग ने अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं। खास तौर पर नकल विहीन परीक्षा, आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा में लाये गये परिवर्तन, तकनीकी के माध्यम से आॅनलाइन शिक्षा में तेजी एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू किया गया है।

अब तक प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग को मिलाकर लगभग 01 लाख 75 हजार शिक्षकों की तैनाती की जा चुकी है। इन शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुई है। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा अब तक माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय विद्यालयों में 6,899 तथा सहायता प्राप्त विद्यालयों में 30,980 शिक्षकों का चयन किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में 01 लाख 26 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी की गई है। यह शिक्षक अपनी सेवाएं बेसिक शिक्षा के स्कूलों में दे रहे हैं। प्रदेश में लगभग पौने दो लाख शिक्षक एवं डेढ़ लाख पुलिस विभाग में नियुक्तियां दी गई हैं।

कुल मिलाकर प्रदेश सरकार द्वारा पौने पांच वर्ष में साढ़े चार लाख से अधिक नौकरियां सरकारी विभागों में दी गई हैं। प्रदेश सरकार चयन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की विसंगति मिलने पर उसे निरस्त करने में भी कोई संकोच नहीं करती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टाॅलरेेंस की नीति अपना रही है। युवा के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश में चयन की प्रक्रिया पारदर्शी और ईमानदार तरीके से आगे बढ़ी है। आज प्रदेश के युवा देश और प्रदेश में शासकीय सेवाओं में अपनी सेवा दे रहे हैं।

प्रदेश में पठन-पाठन का माहौल बेहतर हुआ है। आज प्रदेश में पारदर्शी तरीके से नियुक्तियां दी जा रही हैं, उन्होंने भरोसा जताया कि नव चयनित अभ्यर्थी प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप अपने पद के दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा और मनोयोग से करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश ने देश के विकास में अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया है। भारत सरकार की लगभग 50 योजनाओं में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रदेश निवेश के मामले में सबसे अच्छा गंतव्य स्थल है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश की नम्बर एक अर्थव्यव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेहतर कानून-व्यवस्था ने आज प्रदेश में निवेश को बढ़ाया है। निवेश के कारण रोजगार के अवसर एवं विकास की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी है। उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट, मेडिकल काॅलेज व गरीबों को आवास देने वाला प्रदेश है। प्रदेश सरकार की ईमानदार सोच ने दमदार काम के साथ देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के पौने पांच वर्ष के कार्यकाल में मेहनत करने वालों और भविष्य में कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखने वाले युवाओं को पर्याप्त अवसर मिला है। प्रदेश में शुचिता, पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं ईमानदारी पूर्वक चयन प्रक्रिया का निष्पादन कराया गया है। संस्कृत विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी पूरी की गई है। प्रदेश में, संस्कृत निदेशालय व संस्कृत संस्थान के निर्माण कार्यों के अलावा संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है।
राजस्व राज्यमंत्री श्री छत्रपाल सिंह गंगवार ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती गुलाब देवी, अध्यक्ष राजस्व परिषद श्री मुकुल सिंघल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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