
70 साल के बुजुर्ग को किसी अस्पताल में नहीं मिला बेड
लखनऊ – देशभर से सामने आ रहे कोरोना के मामले परेशान करने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रही मरीजों की संख्या और वायरस से होने वाली मौतों ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां हालात बेकाबू हो गए हैं। रोज हजारों नए केस सामने आ रहे हैं।
श्मशाम घाट पर लाशों को जलाने के लिए जगह नहीं बच रही है। बाजार में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया है। अस्पताल में बेड नहीं हैं। मरीज अस्पतालों के चक्कर काट रहे है। लेकिन कहीं कुछ नहीं हो पा रहा है। लखनऊ के अलीगंज में रहने वाले 70 वर्षीय सुशील कुमार श्रीवास्तव का भी कुछ यही हाल है।
सुशील कुमार श्रीवास्तव शुगर के मरीज हैं और ब्लड प्रेशर की भी दवा खाते हैं। बीते दिनों उन्हें सांस लेने में तकलीफ महसूस होने पर परिजन उन्हें विवेकानंद अस्पताल लेकर गए। दरअसल, सुशील श्रीवास्तव का विवेकानंद अस्पताल में ही इलाज चलता था।
यहां डॉक्टरों ने सुशील कुमार को बिना कोविड टेस्ट किए भर्ती करने से इनकार कर दिया। इस दौरान सुशील कुमार का ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा था। अस्पताल में टुनेट मशीन से सुशील कुमार की जांच की गई तो वह कोविड पॉजिटिव निकले।
डॉक्टरों ने अस्पताल में बेड न होने की बात कहते हुए सुशील कुमार को भर्ती करने से इनकार कर दिया। परिजनों के पास तालकटोरा में ऑक्सीजन सबलेट सेंटर में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने हजारों रुपए खर्च कर ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदा। ताकि सुशील कुमार की हालत स्थिर रहे।
सुशील कुमार श्रीवास्तव को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ ही कार में बैठाया गया और लखनऊ के लगभग सभी अस्पतालों के चक्कर काटे गए। लेकिन कहीं उन्हें भर्ती नहीं किया गया। परिजनों ने अब सरकारी सिस्टम के जरिए अस्पताल के बेड के लिए आवेदन किया है।