
काशी विश्वनाथ धाम पर होगा शोध, विश्वविद्यालयों से मांगा गया प्रस्ताव
श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद से ही काशी विश्वनाथ धाम दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में अभी भी काशी विश्वनाथ धाम में कई काम होने है जिसकी जिम्मेदारी अब उच्च शैक्षिक संस्थानों ने उठाने का प्रयास किया है। जो शोध के माध्यम से काशी विश्वनाथ मंदिर के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने का काम करेंगे।
वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ के सभागार में इतिहासकारों के सम्मेलन में इस विषय पर चर्चा हुई। उच्च शिक्षा के मुख्य अपर सचिव मोनिका एस.गर्ग ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर में अभी और काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने इतिहासकारों से अनुरोध किया कि शोध के लिए बड़े प्रोजेक्ट बनाये। ताकि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत शासन इसकी मंजूरी दें और प्रोजेक्ट को पूरा करने में वित्तीय सहायता भी दें।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कई बार काशी विश्वनाथ मंदिर को तोडा गया उसके बाद भी मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ जिसका नजारा आज श्री काशी विश्वनाथ धाम के रूप में सभी देख रहे है।
कार्यक्रम में काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से श्री काशी विश्वनाथ के इतिहास का लेखन बेहद जरुरी है।