
अखिलेश यादव को घेरने में लगी है बीजेपी, औरंगजेब और शिवाजी की हुई राजनीति में एंट्री
उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने है। सभी दलों के पास अब समय कम ही है। ऐसे में अब पार्टियों के नेता एक दूसरे को घेरने का और दूसरी पार्टी की खामियां दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे है। इसी के ही साथ नेताओं के बीच प्रतीकों के जरिए लड़ाई का सिलसिला भी तेज होता दिखाई दे रहा है।
हर राजनीतिक दल अपनी-अपनी पसंद के प्रतीकों को आगे कर अपने समीकरण दुरुस्त करने में जुटा है। अभी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के जिन्ना और वेस्ट यूपी में गन्ना वाली सियासत गर्म ही थी। कि अब औरंगजेब और शिवाजी के जरिए बीजेपी भी सपा की घेराबंदी में जुट गई है।
बता दें कि सोमवार को वाराणसी में विश्वनाथधाम के लोकार्पण के बाद आयोजित सभा में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था। कि काशी तो अविनाशी है। आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए। इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।
सभी ने एक ही संस्था से की थी पढ़ाई
अखिलेश यादव ने अक्टूबर में हरदोई में आयोजित एक जनसभा में मुस्लिम लीग के नेता और पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना के बारे में कहा था।
कि सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे। इसके बाद से ही बीजेपी उन्हें इस मुद्दे पर घेर रही है।
‘आखिरी समय में काशी में रहा जाता है’
पीएम मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के तंज कसते हुए कहा है। कि अंतिम समय पर काशी से अच्छी जगह कोई और नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री को एक महीने के बजाय तीन महीने तक बनारस में रहना चाहिए।
अपने पैतृक गांव सैफई मे सोमवार को पार्टी कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर कहा कि बहुत अच्छी बात है। वो जगह रहने वाली है। आखिरी समय मे वही काशी में रहा जाता।
उनके इस बयान को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा दुनिया विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के अवसर की गवाह बनी है। हर देशवासी अभिभूत हुआ है। आनन्दित हुआ। श्रमिकों का प्रधानमंत्री जी द्वारा सम्मान और उनके साथ भोजन देशवासियों को भावुक करने वाला पल था।
‘भारतीय संस्कृति का गौरव फूटी आंखों नहीं सुहा रहा’
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सैकड़ों वर्षों का सपना आज साकार हुआ। लेकिन अखिलेश यादव ने जिस ढंग से प्रधानमंत्री को लेकर ओछी प्रतिक्रिया दी है। वह दिखाता है कि काशी का कायाकल्प और भारतीय संस्कृति का बढ़ता गौरव उनको पच नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसी अमर्यादित और असंस्कारित भाषा का प्रयोग दिखाता है कि काशी के कायाकल्प और भारतीय संस्कृति के गौरव की टीस उनके मन मे बनी हई है। उन्हें भारतीय संस्कृति का गौरव फूटी आंखों नहीं सुहा रहा।