
टिकट बंटवारे में हाईकमान पर टिकी नजरें
तिरुवनंतपुरम- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको जो चार बार के सांसद और पूर्व राज्य मंत्री हैं। दिल्ली में पार्टी से इस्तीफे की घोषणा कर दी। चाको कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य भी थे। और राज्य की राजनीति में कोई बड़ी भूमिका नहीं थी। चाको ने केरल में कांग्रेस में गुटबाजी की कड़ी आलोचना की और पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है।
केरल के नेताओं ने चाको के इस्तीफे को एक शब्द ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ तक सीमित कर दिया। केरल में कांग्रेस का नेतृत्व वास्तव में पीसी चाको के इस्तीफे से परेशान नहीं है। लेकिन पलक्कड़ जिले के पेरिंगोटुकुरिसी पंचायत में कांग्रेस कार्यकर्ता व पूर्व डीसीसी अध्यक्ष एवी गोपीनाथ के असंतोष पर नेतृत्व के रुख का बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
एवी गोपीनाथ ने कुछ दिन पहले अपना विरोध जताया था। इसके बाद सांसद जी सुधाकरन ने गोपीनाथ से मिलने उनके घर तक गए। हालांकि जब संभावित उम्मीदवारों के नाम की बात चली तो गोपीनाथ ने अपना रुख बताया।
गोपीनाथ ने नाराजगी जताई और गुरुवार को मीडियाकर्मियों को संबोधित किया. कहा कि कांग्रेस में बदलाव की जरूरत है। गोपीनाथ ने कहा कि वह शुक्रवार की रात तक फैसले के लिए इंतजार करेंगे उसके बाद अगला कदम उठाएंगे।
क्या होगा अगला फैसलागोपीनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में केरल के लिए पुनर्गठन आवश्यक है।इससे कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को धोखा देकर आगे नहीं बढ़ सकती। समूह की लड़ाई के नाम पर हमें 20 साल तक रौंदा गया। विशेषाधिकार प्राप्त, सुख चाहने वाले लोग पार्टी के प्रमुख हैं।
विशेषाधिकार प्राप्त कांग्रेस के लिए जान देने वाले घास-मूली की तरह संकट में हैं। गोपीनाथ ने पेरिंगोटुकुरिसी में बैठक के बाद मीडिया से बात की राहुल के पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष वीएम सुधीरन ने पीसी चाको के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी और कहा कि इससे उन्हें बहुत दुख हुआ है।
चाको ने इस्तीफे के वक्त सुधीरन का नाम भी लिया था। राज्यसभा के पूर्व उपाध्यक्ष पीजे कुरियन भी गुरुवार को चाको के समर्थन में आए और कांग्रेस के भीतर उम्मीदवार चयन में खामियों की ओर इशारा किया।