कोरोना वायरस चीन का जैविक हथियार? सुप्रीम कोर्ट ने वकील को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जिसमें आरोप लगाया गया था। कि चीन जैविक हथियार के रूप में वायरस का जान-बूझकर प्रसार कर रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि चीन जानबूझकर Covid-19 को जैविक हथियार के रूप में फैला रहा है। और अदालत को इस संबंध में सरकार को कुछ निर्देश जारी करना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि कोरोना का कुछ न कुछ समाधान है। यह सोचने वाले हर व्यक्ति को याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने एक वकील की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह महज प्रचार के लिए दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और कहा कि क्या यह अदालत का काम है। कि वह देखे कि अंतरराष्ट्रीय प्रभाव क्या है और चीन नरसंहार कर रहा है या नहीं।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह किस तरह की याचिका है। क्या चल रहा है? कोर्ट ने वकील से कहा कि ऐसा लगता है कि आपने यह याचिका महज अदालत के सामने पेश होने के लिए दायर की और कुछ नहीं। याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्रवाई करना सरकार का काम है।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर संशय कायम
कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अब भी दुनिया भर में संशय कायम है। वैज्ञानिकों की राय इस बंटी हुई है। कि क्या यह संक्रमण चीन में किसी प्रयोगशाला से फैला या प्राकृतिक रूप से इसका प्रसार हुआ। कई बार यह अफवाह के तौर पर सामने आई कि चीन ने इस वायरस को जैविक हथियार के रूप में विकसित किया। हालांकि इसे लेकर आज तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
चीन में महामारी का केंद्र रहे वुहान की यात्रा करने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक दल ने 2021 की शुरुआत में कहा था। कि इस बीमारी के एक बाजार में बेचे गए पशुओं से फैलने की अधिक संभावना है। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों ने इस निष्कर्ष को भी खारिज कर दिया था। दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 55 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।



