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कार्यक्रम में 23 साहित्यकारों को पुरस्कार से किया गया सम्मानित

लखनऊ – मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित पुरस्कार एवं सम्मान समारोह (वर्ष 2022-2023) व कवि सम्मेलन अलंकरण का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया।

अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि साहित्य हमें अवसाद से बचाता है। साहित्य मानवीय सभ्यता को आगे ले जाने वाली ताकत है। साहित्यकार की दृष्टि बहुरंगी है। इस खूबसूरती को बचाना है। आने वाले वक्त में हम जो अपनी विरासत छोड़ जाएंगे, वही हमारा योगदान है।

उन्होंने कहा कि सेवा काल में रहते हुए हम यह सोचते हैं कि हम नहीं रहेंगे तो कार्य कैसे होंगे, लेकिन यह सत्य नहीं है, सारे कार्य हमारे न होने पर भी होते रहते हैं। सरकारी काम के साथ अपनी मूल सोच को बचाए रखना जरूरी है। आपके अंदर जो प्रतिभा है, उसे सामने लाएं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रतिभाशाली अधिकारी और कर्मचारियों अपने कार्य के साथ-साथ साहित्य सेवा में निरंतर कार्य कर रहे हैं, उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक आम जनमानस को प्रेरणा एवं जागरुक करती हैं। मानवता के प्रति भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संवेदना जुड़ी रहती है, उनमें समाज को देखने, समझने और परखने की प्रतिभा होती है। वह अन्य लोगों से अलग होते हैं।

उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन तथा मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में पिछले 6 साल में उत्तर प्रदेश में बड़ा परिवर्तन हुआ है। आम जनमानस की मूलभूत सुविधा के लिए प्रदेश में सकरात्मक माहौल बना हुआ है। जीआईएस-2023 में हजारों की संख्या में निवेशक उपस्थित थे, उन निवेशकों को उत्तर प्रदेश में पूरा भरोसा है कि हमारा प्रस्तावित निवेश पूरी तरह से सुरक्षित है। पूरे उत्तर प्रदेश के 75 जनपद के लिए कई लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव द्वारा साहित्यकारों को पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किये गये। श्री नितिन रमेश गोकर्ण (पुस्तक-श्रीगोकर्णपुराणसारः) को रामधारी सिंह दिनकर पुरस्कार, श्री हरपाल सिंह (पुस्तक-गोकरन की बीवी) को शिव सिंह सरोज पुरस्कार, डॉक्टर हरिओम (पुस्तक-मानसरोवर) को पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार, श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा (पुस्तक-लव इन लखनऊ) को सुब्रमण्यम भारती पुरस्कार, श्रीमती सुषमा सिंह (पुस्तक-बताओ मनु) को भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार, श्री के0डी0सिंह (पुस्तक-छलकत जाए ज्ञान घट) को भगवती चरण वर्मा पुरस्कार, श्री अनिल कुमार पाठक (पुस्तक-पारस बेला) को सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार, डॉक्टर दिनेश

चंद्र सिंह (पुस्तक-काल प्रेरणा) को अमृतलाल नागर पुरस्कार, श्री सूर्य नारायण पांडे (पुस्तक-पंचफोरन) को डॉ0 विद्यानिवास मिश्र पुरस्कार, श्री अनुपम आनंद (पुस्तक-नवजागरण के निकष पर) को श्यामसुंदर दास पुरस्कार, डॉ0 उदित नारायण पांडे-उदित (पुस्तक-जागो रे जागो) को जयशंकर प्रसाद पुरस्कार प्रदान किया गया।

इसी प्रकार श्री राजीव आचार्य (पुस्तक-मेरी अयोध्या मेरा रघुवंश) को डॉ0 शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ पुरस्कार, डॉ0 राजेश सिंह (पुस्तक-प्राचीन भारत की न्यायिक व्यवस्था एवं महाभारत) को गया प्रसाद शुक्ल स्नेही पुरस्कार, श्री जयप्रकाश शर्मा (पुस्तक-बम भोले भण्डारी) को डॉ0 हरिवंश राय बच्चन, श्री विक्रम सिंह (पुस्तक-यथार्थ के समानांतर) को मीर तकी मीर पुरस्कार, डॉ0 ज्ञानवेन्द्र सिंह (पुस्तक-शायरी का तकाबुली मुताल्या) को फिराक गोरखपुरी, श्री अहमद जलाल ज़ैदी (पुस्तक-ज़िन्दगी का सफर) को अमीर खुसरो पुरस्कार, श्री एच0एन0रिजवी (पुस्तक-सरकारी सेवा आचरण नियमावली) को अकबर इलाहाबादी पुरस्कार, श्री बृजलाल (पुस्तक-इंडियन

मुजाहिदीन-निशाने पर गुजरात) को प्रताप नारायण मिश्र पुरस्कार, श्री शिव शंकर द्विवेदी (पुस्तक-अ-मोक्ष) को बाल कृष्ण भट्ट, श्री अशोक कुमार पांडे (पुस्तक-प्रेम पराग) को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ0 वाइखोम चींखैडानबा (पुस्तक-उदय प्रकाश-सृजन और चिंतन) को शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय पुरस्कार, सुश्री सीमा मधुरिमा (पुस्तक-मुखर मौन) को मिर्जा असद उल्ला खान गालिब पुरस्कार से प्रदान किया गया।

सभी 23 साहित्यकारों को 1 लाख रुपये की धनराशि के साथ ही प्रमाण-पत्र, स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट किया गया।
इसके अतिरिक्त संस्थान की पत्रिका ‘अपरिहार्य’ एवं संस्थान को अमूल्य योगदान देने के लिए वर्ष 2022-23 के लिए श्री अजय सिंह ‘राणा’, डॉ० आनन्द ओझा, श्री अश्विनी कुमार, श्री हरिकान्त त्रिपाठी, श्री लक्ष्मीकान्त, श्री मुकेश कुमार मिश्रा, श्रीमती रचना यदुवंशी, श्री श्रीप्रकाश श्रीवास्तव, डॉ० युगान्तर सिन्दूर, श्री श्रीश चन्द्र दीक्षित, श्री मुक्तिनाथ झा, श्री आनन्द किशोर सक्सेना, श्री कृष्णदत्त ढौडियाल, श्री राजेश श्रीवास्तव, श्रीमती मीरा

चौरसिया, श्री ओम प्रकाश वर्मा ‘ओम’, डॉ० ताराचन्द ‘तनहा’, श्रीमती गीतिका चतुर्वेदी, डॉ० विवेक शुक्ला, श्री विकास द्विवेदी, श्री कुँवर कुसुमेश, श्री शशिकान्त द्विवेदी ‘गोपाल’, श्री गिरिजाशंकर पाण्डेय ‘अंकुर’, श्रीमती नीलिमा मिश्रा, श्री ओम प्रकाश सिंह एवं श्री सत्यदेव ‘पथिक’ को साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त श्री चन्द्रदेव दीक्षित ‘चन्द्र’ को प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

साहित्य गौरव सम्मान एवं प्रशंसा पत्र प्राप्त करने वाले साहित्यकारों को 5100 रुपये की भेंट, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष डॉ० अखिलेश कुमार मिश्रा, उपाध्यक्ष डॉ० शोमा दीक्षित ‘भावना’, महामंत्री डॉक्टर सीमा गुप्ता, सदस्य डॉक्टर सुधा मिश्रा, सदस्य ज्योत्स्ना सिंह, सदस्य गीतिका चतुर्वेदी समेत अन्य साहित्यकार उपस्थित थे।

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