अभिनेता आमिर खान ने कहा कि फिल्म ‘लगान’ को बनाने में उनके मन में डर था क्यूंकि पटकथा लेखक जावेद अख्तर सहित कई लोगों ने फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर असफल होने की आशंका जताई थी। ‘लगान’ में एक ऐसे ग्रामीण व्यक्ति की कहानी है जो तीन गुना कर चुकाने से बचने के लिए अंग्रेजों को क्रिकेट में हराने के मकसद से क्रिकेट की एक टीम तैयार करता है। इस फिल्म को ‘ऑस्कर’ के लिए नामित किया गया था।
‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में शुक्रवार को आमिर ने उस समय को याद किया जब निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने फिल्म के लिए उनसे संपर्क किया था। अभिनेता ने कहा, ‘‘इस फिल्म को बनाने के अलग खतरे थे। जावेद सर ने कहा था कि यह फिल्म एक दिन भी नहीं चलेगी।’’ फिल्म के कई प्रसिद्ध गाने लिखने वाले अख्तर ने खान से कहा कि खेल पर आधारित फिल्में अच्छा प्रदर्शन नहीं करतीं और ‘लगान’ का अधिकतर हिस्सा क्रिकेट के इर्द गिर्द घूमता है। फिल्म में ‘वॉइस ओवर’ अभिनेता अमिताभ बच्चन ने किया था।
अख्तर ने कहा कि बच्चन की आवाज वाली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करतीं और खुद अमिताभ बच्चन ने भी आमिर से यह बात कही थी। लेकिन सभी की आशंकाओं को धता बताते हुए 2001 की यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर हिट रही बल्कि इसने लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में ‘बेस्ट फिल्म ऑडियंस’ का पुरस्कार भी जीता।
आमिर ने कहा, ‘‘ फिल्म में एक लाइन थी ‘हमने कौनो गलती तो नाही की?’ मैं और गोवारिकर पूरे फिल्म निर्माण के दौरान हंसी मजाक में यही पंक्ति एक दूसरे से कहते थे कि ‘हमने कौनो गलती तो नाही की?’’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लगान की पूरी यात्रा बहुत रोमांचक थी क्योंकि मुझे हमेशा इसकी कहानी पर विश्वास था… लेकिन मुझे याद है कि फिल्म के लिए हां कहने से पहले मैं बहुत डरा हुआ था। आप सब सोचते हैं कि मैं जोखिम उठाता हूं और मैं बहुत बहादुर हूं। मैं जोखिम उठाता तो हूं लेकिन उतना ही डरता भी हूं लेकिन उसी से प्रेरणा भी लेता हूं।
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