वाशिंगटन। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत मित्रहीन नहीं है और पाकिस्तान को सुरक्षा परिषद की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष बनाया जाना तथा आतंकवाद विरोधी समिति का उपाध्यक्ष बनाए जाने का कोई व्यावहारिक परिणाम नहीं निकलने वाला है।
थरूर भारत द्वारा सामना किए जा रहे पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खतरे और आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प के बारे में प्रमुख वार्ताकारों को जानकारी देने के लिए अमेरिका में एक बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
थरूर ने बृहस्पतिवार को यहां भारतीय दूतावास में बातचीत के दौरान कहा, ‘‘ये सभी समितियां आम सहमति पर काम करती हैं और किसी अध्यक्ष के लिए अकेले दम पर कुछ ऐसा करवा पाना संभव नहीं है जिसका अन्य विरोध करते हैं या किसी विशेष विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं जिसका अन्य देश समर्थन नहीं करते हैं।
पाकिस्तान, 2025-26 के कार्यकाल के लिए सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है और वह 2025 के लिए परिषद की तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता करेगा तथा 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद विरोधी समिति का उपाध्यक्ष होगा। गुयाना और रूस ‘1988 तालिबान प्रतिबंध समिति’ के उपाध्यक्ष होंगे। अल्जीरिया ‘1373 आतंकवाद-रोधी समिति’ की अध्यक्षता करेगा जबकि फ्रांस और रूस अन्य उपाध्यक्ष होंगे।
पाकिस्तान ‘दस्तावेजीकरण और अन्य प्रक्रियात्मक प्रश्नों एवं सामान्य यूएनएससी प्रतिबंध मुद्दों पर अनौपचारिक कार्य समूहों’ का सह-अध्यक्ष भी होगा। भारत ने लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय का इस बात की ओर ध्यान आकृष्ट किया है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित अधिकतर आतंकवादियों और संगठनों को पाकिस्तान में पनाह मिली है।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए
नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।