सियोल। उत्तर कोरियाई प्राधिकारियों ने हाल में नौसेना के विध्वंसक पोत का जलावतरण असफल रहने के मामले में चार अधिकारियों को हिरासत में लिया है। देश के सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने जलावतरण के दौरान पोत के क्षतिग्रस्त होने की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह आपराधिक लापरवाही के कारण हुआ है।
उत्तर कोरिया की नौसेना के लिए अहम माना जा रहा 5,000 टन वजनी विध्वंसक युद्धपोत अपने जलावतरण समारोह के दौरान पिछले सप्ताह बुधवार को क्षतिग्रस्त हो गया था। इस कार्यक्रम में उत्तर कोरिया के नेता किम भी शामिल हुए थे। उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में पोत स्थल पर एक ओर पड़ा हुआ और नीले रंग के कवर से ढका नजर आ रहा था। पोत के कुछ हिस्से पानी में डूबे दिख रहे थे।
देश के दूसरे ज्ञात विध्वंसक युद्धपोत के जलावतरण में विफलता किम के लिए शर्मिंदगी की बात है। किम अमेरिकी नेतृत्व वाली सैन्य चुनौतियों से निपटने के लिए नौसैनिक बलों को मजबूत करने पर जोर देते हैं। उत्तर कोरिया ने पिछले महीने अपने पहले विध्वंसक पोत का जलावतरण किया था। यह भी 5,000 टन वजनी पोत है। सरकारी मीडिया ने बताया कि यह पोत उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा एवं सबसे उन्नत युद्धपोत है और इसे परमाणु मिसाइल सहित विभिन्न हथियारों को ले जाने के लिए बनाया गया है।
आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने सोमवार को बताया कि कानून प्रवर्तन प्राधिकारियों ने सत्तारूढ़ ‘वर्कर्स पार्टी’ की केंद्रीय समिति के युद्ध सामग्री उद्योग विभाग के उप निदेशक री ह्योंग सोन को हिरासत में ले लिया। समिति ने कहा कि पोत के क्षतिग्रस्त होने के लिए सोन ‘‘बहुत अधिक जिम्मेदार’’ हैं। ‘केसीएनए’ ने रविवार को बताया था कि प्राधिकारियों ने चोंगजिन शिपयार्ड के मुख्य अभियंता, पोत के एक हिस्से के निर्माण से जुड़ी कार्यशाला के प्रमुख और प्रशासनिक मामलों के उप प्रबंधक को हिरासत में ले लिया है। केसीएनए ने पहले बताया था कि उत्तर कोरिया के केंद्रीय सैन्य आयोग ने इस घटना की जांच शुरू करते हुए चोंगजिन शिपयार्ड के प्रबंधक हांग किल हो को तलब किया था।
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