केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 53 दवाओं को क्वालिटी टेस्ट में फेल कर दिया है। इन दवाइयों की लिस्ट में पारासिटामोल (Paracetamol) सहित कई टैबलेट शामिल हैं। डायबटीज, बीपी, विटामिन, कैल्शियम डी-3 सप्लीमेंट, जीवाणु संक्रमण और एसिड रिफ्लक्स से जुड़ी ये दवाइयां तय मानकों के मुताबिक नहीं हैं।
आपको बता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अगस्त के लिए‘मानक गुणवत्ता के अनुरूप अलर्ट जारी किया था, जिसमें बताया गया कि कुछ सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाएं एल्केम लैबोरेटरीज, हेटेरो ड्रग्स, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड जैसी प्रसिद्ध दवा कंपनियों द्वारा बनाई गई हैं।
पैरासिटामोल-डाइकलो प्लस समेत ये टैबलेट भी फेल
CDSCO के अनुसार देश में प्रचलित 53 दवाएं मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं हैं। इन चिह्नित दवाओं में पैरासिटामोल टैबलेट (500 mg), उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 mg), मधुमेह विरोधी दवा ग्लिमेपिराइड, एसिड रिफ्लक्स की दवा पैन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल C और D-3 शामिल हैं।
इस सूची में HAL द्वारा निर्मित व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक मेट्रोनिडाजोल (Antibiotic Metronidazole) और टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स (Torrent Pharmaceuticals) द्वारा वितरित दवा और साथ ही उत्तराखंड में प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर द्वारा प्रोड्यूज की गई शेल्कल भी शामिल हैं। आइज जानते हैं क्या कहती है रिपोर्ट-
कंपनियों की दवाइयां भी बेकार
कोलकाता की एक सरकारी लैब ने पाया कि अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाई गई कुछ दवाइयाँ अच्छी नहीं हैं। लैब ने एल्केम हेल्थ साइंस की एंटीबायोटिक्स, क्लैवम 625 और पैन डी को गुणवत्ता के अनुरूप घटिया पाया।
साथ ही लैब में टेस्ट के दौरान पाया गया कि हैदराबाद स्थित हेटेरो का सेपोडेम एक्सपी-50 ड्राई सस्पेंशन, जिसे बच्चों में गंभीर जीवाणु संक्रमण के लिए निर्धारित किया जाता है, गुणवत्ता मानकों के आधार पर अच्छी दवा नहीं है।
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