इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने सभी अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजने की योजना के तहत अफगान नागरिकता कार्ड (एसीसी) धारकों के लिए स्वेच्छा से पाकिस्तान से जाने की अंतिम तिथि 31 मार्च तय की है। एक आधिकारिक दस्तावेज में यह जानकारी दी गई।
मीडिया में शुक्रवार रात कथित रूप से लीक हुए इस दस्तावेज में संकेत दिया गया है कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी में रह रहे एसीसी धारकों को अफगानिस्तान वापस भेजा जाएगा। यह अफगान प्रवासियों के लिए बहु-चरणीय पुनर्वास योजना का हिस्सा होगा।
आतंकवाद के मुद्दे पर इस्लामाबाद और काबुल के बीच बिगड़ते संबंधों के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है और इसका असर उन आठ लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों पर पड़ सकता है, जिनके पास एसीसी होने से वे दस्तावेज वाले शरणार्थियों की श्रेणी में शामिल हैं। जबकि सैकड़ों और हजारों लोग बिना दस्तावेज के यहां शरण लिए हुए हैं। इसमें कहा गया है कि अवैध विदेशी प्रत्यावर्तन कार्यक्रम (आईएफआरपी) को एक नवंबर 2023 से लागू किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में 8 लाख से अधिक अफगान नागरिकता कार्ड (एसीसी) धारक हैं। 13 लाख से अधिक पंजीकृत अफगान शरणार्थी हैं, जिनके पास निवास प्रमाण पत्र कार्ड हैं। हालांकि, पाकिस्तान सरकार के बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि PoR कार्ड धारकों पर यह निष्कासन आदेश लागू होगा या नहीं। अब तक, पाकिस्तान से 8 लाख से अधिक अफगान नागरिक पहले ही स्वदेश लौट चुके हैं। पिछले चार दशकों में पाकिस्तान ने लगभग 2.8 करोड़ अफगान शरणार्थियों को शरण दी है।
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